School Holiday: मानसून के सक्रिय होते ही कई राज्यों में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। नदी-नालों के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने प्रशासन और शिक्षा विभाग को अलर्ट कर दिया है। इसी के तहत देहरादून शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है कि अब जिन स्कूलों के आसपास नदी-नाले हैं या जहां के बच्चे नदी पार कर स्कूल आते हैं। उन विद्यालयों में बारिश के दौरान छुट्टी घोषित की जा सकेगी।
बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता
देहरादून के मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल ने कहा है कि जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं जो बरसाती नालों और नदियों के किनारे स्थित हैं। बारिश के समय इन स्थानों पर पानी का तेज बहाव होने लगता है, जिससे बच्चों की जान को खतरा हो सकता है। कुछ बच्चों को तो स्कूल पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, जो बारिश के समय बेहद जोखिमभरा हो जाता है।
किन स्कूलों में लागू होंगे नए आदेश?
यह आदेश देहरादून के उन सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों पर लागू होंगे जो नदी, नाले या जल स्रोतों के पास स्थित हैं या जिन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नदी पार करके स्कूल आते हैं। इस तरह के सभी स्कूलों में अगर मौसम विभाग की ओर से बारिश की चेतावनी दी जाती है या किसी स्थान पर नदी का जलस्तर अचानक बढ़ता है, तो वहां तत्काल छुट्टी घोषित की जा सकती है।
खंड शिक्षा अधिकारी को मिले विशेष अधिकार
इस आदेश के तहत खंड शिक्षा अधिकारियों और उप शिक्षा अधिकारियों को अधिकृत किया गया है कि वे स्थानीय स्थिति के अनुसार अपने स्तर पर तुरंत अवकाश घोषित कर सकते हैं। इसके लिए स्कूल के प्रधानाचार्य को संबंधित अधिकारियों को समय पर सूचित करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया में स्कूल प्रबंधन, खंड शिक्षा अधिकारी और आपदा प्रबंधन विभाग के बीच तालमेल ज़रूरी होगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।
कैसे होगी छुट्टी घोषित? जानिए प्रक्रिया
- अगर किसी विद्यालय के आसपास नदी-नाले में जलस्तर बढ़ रहा है या मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, तो
- विद्यालय प्रधानाचार्य तुरंत खंड शिक्षा अधिकारी को सूचित करेंगे
- खंड शिक्षा अधिकारी स्थानीय स्थिति का आकलन करके तुरंत छुट्टी का आदेश जारी करेंगे
- यह आदेश एक या अधिक दिन के लिए भी लागू किया जा सकता है, स्थिति के अनुसार
आपदा प्रबंधन के नजरिए से अहम फैसला
इस निर्णय को आपदा प्रबंधन के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विगत वर्षों में बारिश के कारण बच्चों को स्कूल जाते वक्त बहाव में बहने या चोट लगने की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में यह कदम एहतियात के तौर पर जरूरी हो गया था।
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में स्कूल प्रशासन की भूमिका
अगर बारिश की वजह से कहीं पर सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं, नदी पर पुल बह जाते हैं या जलभराव की स्थिति बनती है, तो विद्यालय प्रशासन को तत्परता से स्थिति की जानकारी संबंधित अधिकारियों को देनी होगी। ताकि समय रहते छुट्टी घोषित की जा सके और बच्चों को स्कूल आने से रोका जा सके।
मौसम पूर्वानुमान के साथ तालमेल जरूरी
शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान पर नजर रखें। यदि मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट या भारी बारिश की चेतावनी दी जाती है तो संबंधित विद्यालयों में तुरंत छुट्टी घोषित करने में देरी न की जाए।
अभिभावकों से भी सतर्क रहने की अपील
शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे बच्चों को बारिश के समय नदियों, नालों या तेज बहाव वाले रास्तों से स्कूल भेजने से बचें। यदि मौसम खराब हो या स्कूल प्रशासन की ओर से सूचना मिले, तो बच्चों को घर पर ही रखें।