आज के समय खाटू श्याम मंदिर समिति की ख्याति देश भर में फ़ैल चुकी है। प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान खाटू श्याम के दर्शन और पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। खास अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है। जिससे कि मंदिर की रौनक और भी बढ़ जाती है। देश के विभिन्न कौनो से लगभग लोग अपनी मनोकामनाओं के साथ यहां आकर अरदास करते हैं।
खाटू श्याम को ‘हारे का सहारा’ और ‘तीन बाण धारी’ के नाम से भी जाना जाता है। भारत में खाटू श्याम जी को समर्पित कई प्रसिद्ध मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर विशेष रूप से लोकप्रिय है। श्रद्धालु दूर-दूर से अपनी मनोकामनाओं के साथ ही आते हैं क्योंकि माना जाता है कि खाटू श्याम जी हर वक्त की इच्छा पूरी करते हैं और उनकी कठिनाइयों को दूर करते हैं।
खाटू श्याम महाभारत के योद्धा बर्बरीक है जो भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे। कई मान्यताओं के अनुसार उन्हें भगवान कृष्ण का कलयुग के अवतार भी माना गया है । आइए, जानते हैं इस मंदिर के निर्माण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि।
माना जाता है कि खाटू गांव का प्रसिद्ध मंदिर राजा रूप सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी नर्मदा कंवर द्वारा बनाया गया था। राजा को एक रात सपने में आदेश मिला कि वह मंदिर का निर्माण करें।और उसमें बर्बरीक का शीश स्थापित करें। राजा ने इस दिव्य सपना को साकार किया। धार्मिक मान्यताऑन के अनुसार ,खाटू श्याम में कुंड पर बर्बरीक जी का शीश प्राप्त हुआ था जिसके कारण इस कुंड को विशेष महत्व दिया जाता है । खाटू श्याम को सच्चे मन से गुलाब अर्पित करने से सभी इच्छाएं पूरी होती है और बाबा जातक कि तमाम गलतियों को क्षमा कर देते हैं। इसके हिसाब से श्रद्धालु खाटू श्याम को इत्र अर्पित करते हैं। ऐसा करने से घर में हमेशा सुख शांति बनी रहती है और परिवार के सभी खाटू सदस्यों को खाटू श्याम जी की कृपा प्राप्त होती है।