Roadways Strike :9 जुलाई को हड़ताल और चक्का जाम का ऐलान, हरियाणा में नही दौड़ेगी रोडवेज बसें 

Saroj kanwar
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Roadways Strike: हरियाणा के चरखी दादरी में गुरुवार को रोडवेज कर्मचारियों की साझा मोर्चा बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डिपो प्रधान सुनील फौजी ने की। बैठक में लंबित मांगों पर सरकार की चुप्पी पर नाराजगी जताते हुए कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल, रोडवेज का चक्का जाम तय

साझा मोर्चा के नेता नरेंद्र दिनोद ने जानकारी दी कि 9 जुलाई को रोडवेज कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होंगे। इस दिन रोडवेज की सभी बसें पूरी तरह बंद रहेंगी, यानी हरियाणा रोडवेज का पूर्ण चक्का जाम रहेगा। आम जनता को यात्रा के लिए वैकल्पिक साधनों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

सरकार से बनी सहमति, लेकिन कोई आदेश नहीं


कर्मचारी नेताओं ने बताया कि प्रदेश सरकार से कई बार बैठकें हो चुकी हैं। बातचीत में सरकार ने 10 से 12 मांगों पर सहमति जताई थी, लेकिन अब तक एक भी मांग का सरकारी परिपत्र जारी नहीं किया गया है। इससे यह संदेश जाता है कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही।


कर्मचारियों ने सरकार की नीयत पर उठाए सवाल


राज्य सचिव कृष्ण उण ने कहा कि इस बार की हड़ताल में एक ट्रेड यूनियन को छोड़ सभी यूनियनें शामिल होंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार अब भी नहीं जागी, तो हरियाणा रोडवेज साझा मोर्चा निर्णायक संघर्ष शुरू करेगा और आर-पार की लड़ाई लड़ेगा।

ऑनलाइन तबादला नीति को बताया असफल, वापस लेने की मांग

राज्य प्रधान नरेंद्र ने आरोप लगाया कि 5 मई को उप निरीक्षक, मैकेनिक, क्लर्क और निरीक्षकों का ऑनलाइन तबादला किया गया, जिससे सरकार को कोई आर्थिक लाभ नहीं हुआ। अब सरकार ड्राइवर और कंडक्टरों को भी ऑनलाइन नीति के तहत ट्रांसफर करने जा रही है। कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि नई तबादला नीति को तुरंत रद्द किया जाए।

आपसी स्थानांतरण की मांग, नई नीति से बढ़ी नाराजगी


नेताओं ने जोर देते हुए कहा कि चालक और परिचालक वर्ग में आपसी सहमति से स्थानांतरण किया जाए, न कि ऑनलाइन सिस्टम के जरिए। कर्मचारियों का कहना है कि नई नीति न तो व्यावहारिक है, न ही पारदर्शी, और इससे कर्मचारियों में असंतोष और तनाव बढ़ रहा है।

बसों की संख्या बढ़ाने और रोजगार देने की मांग


बैठक में कर्मचारियों ने सरकार से यह भी मांग की कि रोडवेज बेड़े में 10,000 नई बसें जोड़ी जाएं और 6,000 बेरोजगार युवाओं को पक्का रोजगार दिया जाए। उनका कहना है कि मौजूदा संसाधनों में मांग के अनुसार सेवा देना मुश्किल हो गया है, जिससे जनता को भी परेशानी होती है।

क्या होगा असर? यात्रियों को हो सकती है बड़ी दिक्कत


अगर 9 जुलाई को रोडवेज की हड़ताल होती है, तो इसका सीधा असर आम यात्रियों पर पड़ेगा। हरियाणा के शहरों, कस्बों और ग्रामीण इलाकों में यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर उन्हें जो रोज़ाना ऑफिस या स्कूल-कॉलेज जाने के लिए बसों पर निर्भर हैं।

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