भारतीय रिजर्व बैंक ने साइबर अपराध रोड ऑनलाइन फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए ठोस कदम उठाए गए है। नई गाइडलाइंस के अनुसार ,अब केवल 1600 और 140 नंबर सीरीज से ही बैंकिंग और प्रमोशनल कॉल्स किये जा सकेंगे। इन दिशा निर्देशों का उद्देश्य ग्राहकों को फर्जी कॉल्स की पहचान में मदद करना और उन्हें ब्रेक फ्रॉड से बचाना है।
कदम बैंक और ग्राहकों के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए उठाया गया है
आरबीआई की गाइडलाइंस में स्पष्ट किया गया है कि बैंक अपने ग्राहकों को लेनदेन से जुड़ी कॉल्स करने के लिए केवल 1600 नंबर से शुरू होने वाली सीरीज का ही उपयोग करेंगे। यह कदम बैंक और ग्राहकों के बीच विश्वास बढ़ाने के लिए उठाया गया है । दूसरी ओर, प्रमोशनल कॉल्स, जैसे होम लोन, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड या टर्म डिपॉजिट की जानकारी देने के लिए 140 से शुरू होने वाले नंबर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए बैंको और प्रमोशन कंपनियों को अपने नंबर को टेलीकॉम ऑपरेटरों के साथ वेट लिस्ट में रजिस्टर करना अनिवार्य होगा।
फर्जी कॉल्स और मैसेज की पहचान करना आसान होगा
भारतीय रिजर्व बैंक के इस पहल का मुख्य उद्देश्य ,साइबर अपराधियों की मंसूबो पर पानी फेरना है । वर्तमान में साइबर अपराधी मोबाइल नंबर का उपयोग करके लोगों को कॉल और मैसेज के जरिये धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं। आरबीआई की नई व्यवस्था से फर्जी कॉल्स और मैसेज की पहचान करना आसान होगा।
पिछले कुछ समय मेंयह देखने आया है कि बैंकिंग सेवाओं के नाम पर फर्जी कॉल कर मैसेज भेज ग्राहकों को संवेदनशील जानकारी प्राप्त की जाती है अब केवल 1600 और 140 नंबर की सीरीज पर कॉल पर भरोसा करना है।
DoT ने भी दी जानकारी
दूरनचर विभाग ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से RBI की इन गाइडलाइंस की जानकारी साझा की। यह दिशा-निर्देश करोड़ों मोबाइल यूजर्स के लिए वरदान साबित होगा, जो अक्सर बैंकिंग सेवाओं के नाम पर आने वाले फर्जी कॉल्स से परेशान रहते हैं।