RBI Fine On Bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फिनो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर 29.60 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना पेमेंट्स बैंक के लाइसेंसिंग दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के चलते लगाया गया है. 6 जून 2025 को यह आदेश जारी किया गया. जिससे स्पष्ट है कि आरबीआई अब नियमों के उल्लंघन पर सख्त रुख अपना रहा है.
जून में 7 बैंकों पर गिरी गाज
यह मामला जून 2025 में आरबीआई द्वारा किसी बैंक पर लगाई गई सातवीं मौद्रिक पेनल्टी है. सभी मामलों में एक समान कारण सामने आया है — बैंकिंग दिशा-निर्देशों का उल्लंघन. फिनो पेमेंट्स बैंक को पहले कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) भी भेजा गया था. जिसमें पूछा गया था कि निर्देशों की अवहेलना करने पर उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए.
फिनो पेमेंट्स बैंक
फिनो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है, जो कमर्शियल बैंकिंग सेवा भी प्रदान करता है. यह भारत में पेमेंट्स बैंक के रूप में कार्य करता है और ग्राहकों को डिजिटल और फाइनेंशियल सेवाएं देता है. इसकी निगरानी और नियमन की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक की होती है.
जांच और जुर्माने की प्रक्रिया
मार्च 2024 में आरबीआई द्वारा बैंक की वित्तीय स्थिति की जांच की गई थी. इस निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि बैंक ने कई अवसरों पर कुछ खातों में दैनिक शेष राशि की नियामक सीमा को पार किया. यह स्पष्ट लाइसेंसिंग दिशा-निर्देशों का उल्लंघन था. बैंक को समय दिया गया कि वह अपना पक्ष रखे. जिसके बाद दस्तावेजी साक्ष्यों और प्रतिक्रियाओं के आधार पर जुर्माने का निर्णय लिया गया.
किन नियमों का उल्लंघन हुआ?
यह कार्रवाई Banking Regulation Act, 1949 की धारा 47A (1)(c) और 46 (4)(i) के तहत की गई है. जांच में यह स्पष्ट हुआ कि फिनो बैंक RBI द्वारा निर्धारित नियामक मानकों को नहीं मान रहा था. खासकर ‘End of the Day Balances’ की सीमा को कई बार पार कर गया था, जो कि गंभीर उल्लंघन माना जाता है.
ग्राहकों के लेन-देन पर कोई असर नहीं
RBI ने स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई का बैंक और उसके ग्राहकों के बीच चल रहे लेन-देन या अनुबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. बैंक के मौजूदा खाता धारकों को इस जुर्माने से घबराने की जरूरत नहीं है. साथ ही अगर भविष्य में भी कोई अतिरिक्त कार्रवाई होती है, तो भी यह निर्णय उस पर प्रभाव नहीं डालेगा.
बैंकिंग क्षेत्र में कड़े मानकों की ओर बढ़ता RBI
यह निर्णय इस ओर इशारा करता है कि RBI अब बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने को लेकर पहले से कहीं ज्यादा सतर्क है. वह डिजिटल बैंकिंग और पेमेंट्स सिस्टम को सुरक्षित और नियमबद्ध बनाए रखने के लिए निरंतर कदम उठा रहा है.