RBI Banks Fine: जून 2025 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीन राज्यों के चार सहकारी बैंकों पर कड़ा एक्शन लिया है। ये बैंक तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में स्थित हैं। RBI ने 26 जून को घोषणा करते हुए बताया कि इन बैंकों पर नियमों के उल्लंघन के चलते प्रत्येक पर ₹1 लाख का मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है।
RBI के मुताबिक, इन बैंकों को नियमों के पालन में लापरवाही के चलते पहले कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) भी भेजा गया था। उनकी प्रतिक्रियाएं संतोषजनक नहीं पाई गईं, जिसके बाद कार्रवाई की गई।
किन बैंकों पर हुई कार्रवाई?
RBI ने जिन चार बैंकों पर जुर्माना लगाया है, वे हैं:
द कर्नाटक को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुद्देबिहाल, कर्नाटक
द चित्तूर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड, आंध्र प्रदेश
द करीमनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, तेलंगाना
द हैदराबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड, तेलंगाना
इन सभी पर नियम उल्लंघन की पुष्टि NABARD और RBI की संयुक्त जांच में हुई थी।
लोन नियमों का उल्लंघन
तेलंगाना के दो बैंकों—द करीमनगर डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक और द हैदराबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक—ने अपने निदेशकों को ही लोन स्वीकृत कर दिए, जो कि RBI के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है।
यह मामला NABARD की ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया, जिसके बाद RBI ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 47A(1)(c), 46(4)(i) और सेक्शन 56 के तहत मौद्रिक दंड लगाया।
KYC नियमों को नजरअंदाज करने पर दो और बैंकों पर जुर्माना
कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के दो बैंकों—द कर्नाटक को-ऑपरेटिव बैंक और द चित्तूर को-ऑपरेटिव टाउन बैंक—ने KYC से जुड़ी गंभीर चूकें कीं।
इन बैंकों ने:
KYC रिकॉर्ड को तय समय सीमा में Central KYC Registry में अपडेट नहीं किया
अंतर बैंक जोखिम सीमा और प्रतिपक्ष जोखिम सीमाओं का अनुपालन सही से नहीं किया
इन लापरवाहियों के कारण भी RBI ने दोनों संस्थाओं पर ₹1 लाख का दंड लगाया।
ग्राहकों पर नहीं होगा कोई असर
RBI ने यह स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल रेगुलेटरी नियमों के उल्लंघन पर आधारित है, न कि बैंकों की वित्तीय स्थिरता पर। ग्राहकों के खातों, लेनदेन या सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा
बैंक सामान्य रूप से संचालित होते रहेंगे और यह दंड भविष्य में भी RBI की निगरानी को और सख्त बनाएगा। जिससे बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और नियमपालन बढ़ेगा।
क्यों है यह कार्रवाई महत्वपूर्ण?
यह कार्रवाई दर्शाती है कि RBI अब सहकारी बैंकों के खिलाफ भी उतना ही सख्त है जितना वाणिज्यिक बैंकों के लिए। RBI और NABARD की संयुक्त निगरानी प्रणाली लगातार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि बैंकों की गतिविधियां नियमों के अनुरूप हों और ग्राहकों के हितों की रक्षा हो।