22 जनवरी अयोध्या में बने राम मंदिर में राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। कई दिन चलने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत 16 जनवरी को हो चुकी है। ज्योतिषाचार्याओं के अनुसार, 22 जनवरी के दिन पौष माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर कुल7 शुभ और अध्भुतसंयोग बना रहे हैं। शुभ योग बनना अत्यधिक कल्याणकारी माना जाता है। आईए जानते हैं प्राण प्रतिष्ठा के दिन बन रहे शुभ संयोग और मुहूर्त के बारे में।
त्रयोदशी तिथि और नक्षत्र मॄगशिरा है
22 जनवरी को पौष माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी एवं त्रयोदशी तिथि है। 22 जनवरी को शाम 7:00 बजे का 51 मिनट तक द्वादशी तिथि है इसके बाद त्रयोदशी तिथि और नक्षत्र मॄगशिरा है। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य उत्तरायण होते है और शुभ समय शुरू हो जाता है। इसीलिए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मकर संक्रांति के पश्चात की तिथि का चयन किया गया है।
22 जनवरी को पौष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सबसे पहले ब्रह्म योग बन रहा है
22 जनवरी को पौष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को सबसे पहले ब्रह्म योग बन रहा है। यह योग का निर्माण सुबह 8:45 तक है। इसके बाद पश्चात इंद्र योग बनेगा और इसी योग में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन सुबह 7:14 से अगले दिन यानी 30 जनवरी को 4:58 तक स्वार्थ सिद्धि योग होगा। इस दिन दोपहर 12:11 से लेकर 12:54 तक अभिजीत मुहूर्त है 2:19 से लेकर 3:01 तक विजय मुहूर्त है।
इस दिन सुबह 7:36 मिनट बव करण का योग है
इस दिन सुबह 7:36 मिनट बव करण का योग है। इसके बाद इसके बाद से शाम 7:51 तक बालव करण योग का निर्माण होगा। ज्योतिष के अनुसार ,राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इस दिन भगवान शिव शाम 7:51 तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे । सके पास कर नंदी पर सवार होंगे इस समय में भगवान शिव की पूजा के साथ ही सभी प्रकार के अनुष्ठान फलदाई होते हैं।