School Summer Vacation: कश्मीर घाटी में भीषण गर्मी के चलते सरकारी और निजी स्कूलों के लिए गर्मी की छुट्टियों की घोषणा कर दी गई है। स्कूल शिक्षा निदेशक ने शनिवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि 23 जून 2025 से 7 जुलाई 2025 तक सभी हाई स्कूल और उच्चतर माध्यमिक स्कूल बंद रहेंगे। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को 15 दिनों का अवकाश दिया जा रहा है ताकि बच्चों और स्टाफ को गर्मी से राहत मिल सके।
श्रीनगर में टूटा दो दशकों का तापमान रिकॉर्ड
कश्मीर में इस बार गर्मी के रिकॉर्ड पुराने आंकड़े तोड़ रहे हैं। श्रीनगर में शुक्रवार को दिन का तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो सामान्य से 6.3 डिग्री अधिक था। यह जून महीने में पिछले 20 वर्षों का सबसे गर्म दिन माना जा रहा है। यह तापमान स्तर मानव स्वास्थ्य और छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए खतरनाक माना जा रहा है। जिसकी वजह से स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया।
रातें भी बन गईं गर्म, दर्ज हुआ ऐतिहासिक न्यूनतम तापमान
श्रीनगर में शुक्रवार और शनिवार की रात का तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से काफी अधिक था। यह 1990 के बाद सबसे अधिक रात्रिकालीन तापमान में से एक है। इससे पहले 1990 में 23.6 डिग्री दर्ज किया गया था। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति ग्लोबल वार्मिंग और स्थानीय जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न हो रही है।
पहलगाम, कोकरनाग और कुपवाड़ा में भी नया तापमान रिकॉर्ड
कश्मीर के अन्य इलाकों में भी रात का तापमान सामान्य से अधिक रहा:
- पहलगाम में 16.8 डिग्री सेल्सियस, जो जून महीने में अब तक का तीसरा सबसे अधिक तापमान है।
- कोकरनाग में 20.4 डिग्री, यह भी तीसरे स्थान पर रहा।
- कुपवाड़ा में 21.1 डिग्री सेल्सियस, यह पांचवां सबसे अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि केवल श्रीनगर ही नहीं। बल्कि पूरी घाटी में गर्मी का असर समान रूप से देखा जा रहा है।
1978 का रिकॉर्ड भी हुआ चर्चा में
कश्मीर में जून महीने का सबसे अधिक रात्रिकालीन तापमान 29 जून 1978 को दर्ज हुआ था, जो 24.6 डिग्री सेल्सियस था। इस वर्ष के तापमान आंकड़े उस रिकॉर्ड के करीब पहुंचते नजर आ रहे हैं, जिससे यह चिंता और भी बढ़ गई है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव गंभीर हो रहा है।
स्कूल बंद होने से अभिभावकों को राहत
स्कूल बंद होने की घोषणा से जहां बच्चों और शिक्षकों को गर्मी से राहत मिलेगी। वहीं अभिभावकों के लिए यह चिंता का विषय बन सकता है कि बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान आएगा। कुछ स्कूल ऑनलाइन मोड में कक्षाएं आयोजित कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए सभी छात्रों के पास संसाधनों की उपलब्धता जरूरी होगी।