Rahveer Yojana Haryana: सड़क हादसों में घायल लोगों को ‘गोल्डन ऑवर’ में इलाज दिलाने के उद्देश्य से एक अहम पहल की शुरुआत हरियाणा में हो चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘राहवीर योजना’ को राज्य में लागू कर दिया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को हादसों में घायल व्यक्तियों की समय पर सहायता के लिए प्रेरित करना है।
क्या है राहवीर योजना का मकसद?
सोनीपत के उपायुक्त सुशील सारवान ने बताया कि हादसे में घायल व्यक्ति को यदि कोई व्यक्ति एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाता है, तो उसे 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह एक प्रकार से ईनाम स्वरूप धनराशि है, जो व्यक्ति की मानवीय संवेदना को सम्मानित करती है।
एक साल में पांच बार तक ले सकते हैं ईनाम
इस योजना के तहत एक व्यक्ति प्रति वर्ष अधिकतम 5 बार इनाम प्राप्त कर सकता है। इसके लिए उसे नाम, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट की जानकारी, दुर्घटना स्थल और अस्पताल का विवरण देना होगा। साथ ही उसे पुलिस थाने और अस्पताल से प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत करने होंगे।
कानूनी सुरक्षा भी मिलेगी
राहवीर योजना को मोटर व्हीकल अधिनियम, 2019 की धारा 134A और भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 29 सितंबर 2020 के तहत कानूनी संरक्षण भी प्राप्त है। इस वजह से मददगार को किसी कानूनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। जिससे आम नागरिक निडर होकर मदद कर सकें।
7 दिन के भीतर इनाम और प्रशस्ति-पत्र
हादसे में घायल व्यक्ति की मदद करने वाले ‘राहवीर’ को मदद के 7 दिन के भीतर 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि और प्रशस्ति-पत्र भी दिया जाएगा। अगर एक से अधिक लोग घायल की मदद करते हैं, तो यह राशि समान रूप से सभी के बीच बांटी जाएगी।
मूल्यांकन समिति की भूमिका
इस योजना के लिए जिला स्तर पर एक मूल्यांकन समिति बनाई गई है। जिसमें चार सदस्य होंगे:
- उपायुक्त (अध्यक्ष)
- डीटीओ-कम-सेक्रेटरी आरटीए (सचिव)
- एसपी (सदस्य)
- सीएमओ/एसएमओ (सदस्य)
यह समिति प्रस्तावों की जांच कर 7 दिन के भीतर इनाम की राशि सीधे ‘राहवीर’ के बैंक खाते में ट्रांसफर करवाएगी।
योजना की समय सीमा और महत्व
राहवीर योजना की वैधता 31 मार्च 2026 तक रहेगी। यह योजना न केवल हादसे में फंसे व्यक्ति की जान बचाने में मददगार साबित होगी। बल्कि आम जनता को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने और जागरूक नागरिक बनने के लिए भी प्रेरित करेगी। यह एक नैतिक और मानवीय प्रयास को सम्मानित करने वाली योजना है, जो आमजन की संवेदनशीलता को बढ़ावा देती है।
क्यों जरूरी है ‘गोल्डन ऑवर’ में मदद
चिकित्सा विज्ञान के अनुसार किसी भी गंभीर सड़क हादसे के बाद पहले 60 मिनट यानी ‘गोल्डन ऑवर’ में इलाज मिलना बेहद जरूरी होता है। इस समय पर इलाज मिल जाने से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। यही कारण है कि सरकार ने इस योजना के जरिए लोगों को तत्काल और जिम्मेदार कार्रवाई के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है।