Public Holidays :किस तारीख को रहेगी मुहर्रम की छुट्टी, बंद रहेंगे स्कूल, बैंक और सरकारी दफ्तर

Saroj kanwar
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Public Holidays: भारत में इस साल मुहर्रम 6 जुलाई 2025 रविवार के दिन मनाया जाएगा। पहले तारीख को लेकर कुछ संशय था कि यह 7 जुलाई को पड़ सकता है। लेकिन अब यह स्पष्ट हो चुका है कि मुहर्रम की छुट्टी 6 जुलाई को ही रहेगी।

रविवार को पड़ने से छुट्टी का असर क्या होगा?

चूंकि 6 जुलाई को रविवार है, जो पहले से ही एक साप्ताहिक अवकाश होता है। इसलिए इस दिन की सरकारी छुट्टी का अलग से कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा। हालांकि छुट्टियों की सरकारी सूची में मुहर्रम के लिए 6 जुलाई का उल्लेख है। इसलिए उसी दिन अधिकांश सरकारी और निजी संस्थान बंद रहेंगे।

चांद देखने के बाद तय हुई तारीख

26 जून 2025 को भारत में चांद दिखाई देने के बाद मस्जिद-ए-नखोदा मरकजी रूयत-ए-हिलाल कमेटी ने 27 जून को मुहर्रम का पहला दिन घोषित किया था। इसके अनुसार 10वां दिन यानी आशूरा 6 जुलाई को मनाया जाएगा।

क्या-क्या रहेगा बंद?

मुहर्रम के दिन बंद रहने वाली सेवाएं इस प्रकार हैं:क्या-क्या रहेगा बंद?

मुहर्रम के दिन बंद रहने वाली सेवाएं इस प्रकार हैं:

  • सभी सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेज
  • बैंक, जिनमें चेक क्लियरिंग, डिपॉजिट, ट्रांजेक्शन, आदि बंद रहेंगे
  • पोस्ट ऑफिस, जहां से डाक सेवाएं बाधित रहेंगी
  • सरकारी दफ्तर, जैसे नगर निगम, ब्लॉक ऑफिस, आदि
  • निजी कंपनियों के दफ्तर, विशेष रूप से वे जो वीकेंड पर बंद नहीं होते

यदि आपको कोई जरूरी बैंकिंग या दस्तावेजी काम करवाना है, तो उसे 5 जुलाई यानी शनिवार से पहले निपटा लेना बेहतर रहेगा।

क्या-क्या रहेगा खुला?

  • सरकारी और निजी अस्पताल, सभी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी
  • फार्मेसी, मेडिकल स्टोर खुले रहेंगे
  • ट्रेन, फ्लाइट और बस सेवाएं तय समय पर चलेंगी
  • मेट्रो, ऑटो, टैक्सी सेवाएं शहर के हिसाब से चालू रहेंगी
  • पुलिस स्टेशन, फायर ब्रिगेड और अन्य आपातकालीन विभाग सामान्य रूप से काम करेंगे

हालांकि सार्वजनिक परिवहन में कम फ्रीक्वेंसी या रूट डायवर्जन की संभावना हो सकती है। खासकर मुहर्रम के जुलूस वाले क्षेत्रों में।

किसे मिलेगी विशेष राहत?

मुस्लिम समुदाय के लिए यह दिन बेहद खास होता है। ऐसे में कई संस्थान और कंपनियां मुस्लिम कर्मचारियों को विशेष अवकाश प्रदान करती हैं। इस दिन शिया मुस्लिम समुदाय विशेष आयोजन करते हैं। जिनमें इमाम हुसैन की शहादत की याद में मातम और जुलूस निकाले जाते हैं। कई लोग धार्मिक आयोजनों में शामिल होते हैं और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देते हैं।

बच्चों और कामकाजी लोगों को भी मिलेगा आराम

चूंकि मुहर्रम इस बार रविवार को पड़ रहा है। इसलिए बच्चों और ऑफिस जाने वाले लोगों को एक दिन का अतिरिक्त आराम मिल सकता है। हालांकि रविवार की नियमित छुट्टी के साथ यह दिन बीत जाएगा। जिससे छुट्टी का विशेष लाभ सीमित रह जाएगा।

मुहर्रम का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और इसे चार पवित्र महीनों में गिना जाता है। इसका 10वां दिन ‘आशूरा’ कहलाता है जो कि विशेष रूप से शिया मुस्लिमों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन 680 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन की कर्बला में शहादत हुई थी। यह दिन त्याग, बलिदान और सच्चाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

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