Public Holiday: मुहर्रम इस्लामी नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और इस वर्ष भारत में 6 जुलाई (शनिवार) या 7 जुलाई (रविवार) को मनाया जा सकता है। यह तिथि चांद दिखने पर निर्भर करेगी यानी यदि चांद 5 जुलाई को नजर आ गया तो मुहर्रम 6 जुलाई को मनाया जाएगा अन्यथा 7 जुलाई को। जैसे ही चांद के दिखने की पुष्टि होगी। उसी के आधार पर देशभर में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की जाएगी।
पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश की संभावना
मुहर्रम के दिन भारत के अधिकांश राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। इस दौरान सरकारी दफ्तर, बैंक, स्कूल, डाकघर और कई निजी संस्थान बंद रहेंगे। यह एक सामूहिक बंद होता है जो सभी समुदायों के लिए मान्य होता है। भले ही वे मुस्लिम न हों।
शेयर बाजारों में रहेगा अवकाश
मुहर्रम के अवसर पर देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज भी पूरी तरह बंद रहेंगे। इसमें शामिल हैं:
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
इन एक्सचेंजों में इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स, एसएलबी, करेंसी डेरिवेटिव्स और इंटरस्ट रेट डेरिवेटिव्स में कोई ट्रेडिंग नहीं होगी। इसके अलावा मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में सुबह का सत्र बंद रहेगा। हालांकि शाम 5 बजे से 11:30/11:55 बजे तक का सत्र सामान्य रूप से संचालित होगा।
मुहर्रम का धार्मिक महत्व और आशूरा की पवित्रता
मुहर्रम इस्लाम धर्म के चार पवित्र महीनों में से एक माना जाता है और यह हिजरी या इस्लामी कैलेंडर के नए वर्ष की शुरुआत का प्रतीक होता है। इसका 10वां दिन ‘आशूरा’ कहलाता है। जिसे विशेष रूप से शिया मुस्लिम समुदाय में गहरे आध्यात्मिक और ऐतिहासिक सम्मान से देखा जाता है।
कर्बला की लड़ाई और इमाम हुसैन की शहादत
आशूरा का दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन इब्न अली की 680 ई. में कर्बला की लड़ाई में दी गई शहादत की याद में मनाया जाता है। इमाम हुसैन ने अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाते हुए अपने परिवार और समर्थकों के साथ बलिदान दिया था।
शोक और श्रद्धा का दिन होता है आशूरा
इस दिन शिया मुस्लिम समुदाय विशेष शोक जुलूस निकालता है और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ प्रार्थनाएं करता है। इस दौरान लोग काले कपड़े पहनते हैं, सिर पीटते हैं और कर्बला के बलिदान को याद करते हैं। कुछ स्थानों पर ताजिए निकालने और मातम करने की परंपरा भी निभाई जाती है।
मुहर्रम से जुड़ी कुछ अन्य परंपराएं
- सुन्नी मुस्लिम समुदाय भी इस दिन रोजा रखते हैं और इबादत करते हैं
- कुछ क्षेत्रों में दूध या मीठा वितरण करने की परंपरा भी निभाई जाती है
- बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी मिलकर इस दिन को सामूहिक श्रद्धा और एकता के प्रतीक के रूप में मनाते हैं
मौसम, यात्रा और योजना पर असर
मुहर्रम के सार्वजनिक अवकाश के कारण:
- कुछ शहरों में धार्मिक स्थलों के आसपास सुरक्षा बढ़ाई जाती है
- बैंकिंग सेवाएं बंद रहेंगी, इसलिए पहले ही जरूरी लेन-देन निपटा लें
- शेयर बाजार की छुट्टी से निवेशकों को योजना बनाकर चलना होगा
- यातायात और सड़कों पर जुलूसों के कारण ट्रैफिक डायवर्जन हो सकता है