Prison petrol pump :हरियाणा में कैदी करेंगे पेट्रोल पंपों पर ड्यूटी, हरियाणा जेल प्रशासन की अनोखी पहल 

Saroj kanwar
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Prison petrol pump: हरियाणा जेल प्रशासन ने कैदियों को सुधारने और समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए एक नवाचारपूर्ण योजना शुरू की है. इसके तहत राज्य की विभिन्न जेलों के पास पेट्रोल पंप खोले जा रहे हैं, जहां सजा पूरी कर चुके या अच्छे आचरण वाले बंदियों को काम पर लगाया जा रहा है.

इस योजना का उद्देश्य केवल रोजगार देना नहीं है, बल्कि बंदियों में अनुशासन, जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करना भी है.

अब तक 6 पंप शुरू

डीजी जेल मोहम्मद अकील ने अंबाला में बताया कि फिलहाल राज्य में 6 पेट्रोल पंप चालू हैं, और जल्द ही 6 नए पंप और खोले जाएंगे. इन पंपों पर बंदियों को स्टाफ के तौर पर नियुक्त किया जाएगा.

इनमें से कुछ पंपों पर CNG की सुविधा भी शुरू की जाएगी, ताकि बढ़ती ईंधन जरूरतों को पूरा किया जा सके. भविष्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन भी लगाने की योजना है, जो पर्यावरण हितैषी दृष्टिकोण को दर्शाता है.

सरकारी विभागों को मिलेगी उधार पर तेल सुविधा

इन जेल पेट्रोल पंपों की एक खासियत यह है कि यहां से राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को उधार पर तेल दिया जा सकता है. हालांकि आम नागरिकों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी.

इस व्यवस्था से न केवल सरकारी विभागों के लिए ईंधन प्रबंधन सरल होगा, बल्कि बंदियों के प्रशिक्षण और अनुशासन में भी सुधार आएगा.

जेल से बाहर आने के बाद भी मिल सकेगा सम्मानजनक जीवन

इस योजना के पीछे जेल प्रशासन का उद्देश्य है कि कैदी केवल सजा भुगतकर न निकलें, बल्कि समाज के जिम्मेदार नागरिक बनकर बाहर आएं.

पेट्रोल पंप जैसे सार्वजनिक और भरोसेमंद स्थल पर कार्य करने से बंदियों को स्वाभिमान और भरोसे की अनुभूति होगी, जो उनके मानसिक और सामाजिक पुनर्वास में सहायक होगी.

डीजी अकील ने बताया कि योजना के अंतर्गत काम कर रहे बंदियों का आचरण बेहतर हो रहा है और वे अपने जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया अपना रहे हैं.

बंदियों को मिलेगा रोजगार

इन पंपों से जहां एक ओर बंदियों को रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों को शुद्ध और मापदंड अनुसार तेल भी मिल सकेगा.

डीजी ने बताया कि इन पंपों से हरियाणा के कई शहरों में रोजाना लाखों रुपये का तेल बिक रहा है. जैसे, अंबाला में प्रतिदिन करीब ₹5 लाख का तेल बेचा जा रहा है, जबकि कुरुक्षेत्र में प्रतिदिन ₹15 लाख तक की बिक्री दर्ज की गई है.

जेलों में चल रहीं निर्माण इकाइयां भी बनीं मिसाल

पेट्रोल पंप संचालन के अलावा, हरियाणा की कई जेलों में निर्माण और उत्पादन इकाइयां भी चल रही हैं, जहां कैदियों को हस्तशिल्प, बढ़ईगिरी, वेल्डिंग, सिलाई, बेकरी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाता है.

इन इकाइयों से राज्य की जेलों में आत्मनिर्भरता और उत्पादकता का वातावरण बना है, जिससे कैदियों का मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ है.

भविष्य में अन्य जिलों में भी विस्तार की योजना

डीजी अकील ने संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में हर जिले में ऐसे मॉडल पेट्रोल पंप शुरू किए जाएंगे. इसके लिए स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर जमीन, तकनीकी सहायता और अन्य संसाधन जुटाए जा रहे हैं. सजा के दौरान भी सम्मान के साथ जीने का अवसर देना, इस योजना की मूल भावना है.

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