Primary Teachers Transfer: हरियाणा के प्राथमिक शिक्षकों के लिए राहत की खबर सामने आई है। राज्य सरकार जुलाई से प्राथमिक शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। साथ ही शिक्षकों को एसीपी (Assured Career Promotion) में आ रही समस्याओं से भी जल्द राहत मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
शिक्षकों की मांगों पर सीएम निवास में हुई अहम बैठक
हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हरिओम राठी, महासचिव बलजीत पूनिया और कोषाध्यक्ष चतर सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम निवास पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस दौरान ज्ञापन सौंपते हुए कई अहम मांगें रखी गईं, जिनमें तबादला नीति से लेकर प्रमोशन, एसीपी, और स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं तक शामिल थीं।
ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया जुलाई से होगी शुरू
शिक्षकों की पहली प्रमुख मांग थी कि राज्य में इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर और सामान्य तबादलों की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जुलाई 2025 से ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया लागू की जाएगी। जिससे स्थानांतरण प्रक्रिया पारदर्शी और सरल हो सके।
प्रमोशन और एसीपी नियमों में बदलाव की मांग
प्राथमिक शिक्षकों को पदोन्नति और एसीपी में वर्षों से आ रही दिक्कतों का समाधान न होने से नाराजगी थी। उन्होंने मांग की कि:
मुख्य शिक्षक पद का सृजन कर योग्य शिक्षकों को पदोन्नति दी जाए।
50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता को हटाकर प्रमोशन की राह आसान बनाई जाए।
वंचित शिक्षकों को एसीपी का लाभ तुरंत दिया जाए।
इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एसीपी से जुड़ी तकनीकी और प्रशासनिक बाधाओं को जल्द दूर कर समुचित व्यवस्था लागू की जाए।
स्कूलों में स्टाफ और सफाई की सुविधा पर भी उठी आवाज
शिक्षकों ने मांग रखी कि प्राथमिक विद्यालयों में नियमित चपरासी और सफाई कर्मचारी की नियुक्ति हो, ताकि स्कूल संचालन में कोई बाधा न हो। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य न कराया जाए। जिससे उनकी शैक्षणिक जिम्मेदारियों पर असर ना पड़े। मुख्यमंत्री ने इन बातों पर गंभीरता दिखाते हुए स्कूलों में सहायक स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
मेडिकल अवकाश और कैशलेस इलाज की सुविधा की मांग
स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से, शिक्षकों ने मेडिकल लीव और कैशलेस मेडिकल व्यवस्था लागू करने की मांग की। इस संबंध में सरकार ने संकेत दिया है कि मेडिकल सुविधा को डिजिटल पोर्टल से जोड़कर सुधार किया जाएगा, जिससे अस्पतालों में इलाज कराना सुगम हो सके।
क्या कहा हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन ने?
संघ के अध्यक्ष हरिओम राठी ने कहा कि शिक्षक वर्षों से अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। इस बार मुख्यमंत्री ने न केवल ध्यानपूर्वक बात सुनी, बल्कि त्वरित समाधान का भरोसा भी दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने में शिक्षकों की भूमिका और भी मजबूत होगी।