Post Office PPF Scheme: अपने बच्चों के लिए जमा करें ₹90 हजार रूपये मेच्योरिटी पर मिलेंगे ₹24,40,926 रूपये

Saroj kanwar
7 Min Read

अगर आप अपने बच्चों के भविष्य के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश की तलाश कर रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) स्कीम एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह स्कीम सरकार द्वारा समर्थित होती है, जिसमें न केवल आपका पैसा सुरक्षित रहता है, बल्कि इस पर मिलने वाला ब्याज और टैक्स छूट भी बड़ा फायदा देती है।

PPF स्कीम में यदि आप हर साल ₹90,000 का निवेश करते हैं, तो 15 साल बाद यह राशि बढ़कर ₹24 लाख से भी ज्यादा हो सकती है। इस लेख में हम समझेंगे कि यह स्कीम कैसे काम करती है, ब्याज दर की गणना कैसे होती है, और इस निवेश से आपको क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं।

पोस्ट ऑफिस PPF स्कीम क्या है और क्यों है सुरक्षित

पोस्ट ऑफिस की PPF स्कीम एक लंबी अवधि की बचत योजना है, जिसे भारत सरकार की गारंटी प्राप्त है। इसका मतलब यह है कि इसमें निवेश करना पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। इस योजना की अवधि 15 साल की होती है और जरूरत पड़ने पर इसे 5-5 साल की अवधि में आगे बढ़ाया जा सकता है।

PPF खाता खोलने पर आपको हर साल कम से कम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख निवेश करना होता है। यह पैसा आप सालाना, मासिक या तिमाही किस्तों में जमा कर सकते हैं। यह स्कीम न केवल सेविंग्स की आदत को मजबूत करती है, बल्कि भविष्य की फाइनेंशियल सुरक्षा भी देती है।

₹90,000 सालाना निवेश का ब्याज कैलकुलेशन

अगर कोई व्यक्ति हर साल ₹90,000 की राशि PPF अकाउंट में जमा करता है, तो 15 साल के अंत में उसका कुल निवेश ₹13,50,000 होता है। वर्तमान ब्याज दर 7.1% मानकर जब इसका कैलकुलेशन किया जाता है, तो मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि ₹24,40,926 बनती है।

इस तरह निवेशक को ₹13.50 लाख के निवेश पर ₹10.90 लाख का ब्याज मिलता है। यह ब्याज पूरी तरह टैक्स-फ्री होता है, जिससे आपकी कुल रिटर्न और भी अधिक प्रभावी बन जाती है। यह योजना उन लोगों के लिए आदर्श है जो बिना जोखिम के स्थिर और अच्छा रिटर्न चाहते हैं।

ब्याज दर और समय की भूमिका

PPF पर ब्याज दर हर तिमाही सरकार द्वारा तय की जाती है। जुलाई से सितंबर 2025 की तिमाही के लिए यह दर 7.1% वार्षिक है। हालांकि यह दर समय के साथ बदल सकती है, लेकिन आमतौर पर यह अन्य सेविंग्स योजनाओं की तुलना में बेहतर होती है।

समय जितना लंबा होगा, रिटर्न उतना अधिक मिलेगा। अगर आप 15 साल बाद भी पैसे नहीं निकालते और योजना को 5 साल आगे बढ़ाते हैं, तो ब्याज की राशि और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। इससे कंपाउंडिंग का लाभ और अधिक मिल पाता है।

टैक्स में छूट और अन्य फायदे

PPF खाता इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट देता है। यानी सालाना ₹1.5 लाख तक के निवेश पर आपको टैक्स में राहत मिलती है। 

यह टैक्स छूट इसे और भी फायदेमंद बनाती है, खासतौर पर नौकरीपेशा वर्ग के लिए जो अपनी टैक्स देनदारी को कम करना चाहते हैं। इसके अलावा, यह योजना रिटायरमेंट प्लानिंग और बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए भी उपयोगी हो सकती है।

PPF में आंशिक निकासी और लोन की सुविधा

PPF स्कीम में निवेश के कुछ वर्षों के बाद आंशिक निकासी की सुविधा मिलती है। आमतौर पर यह सुविधा छठे वित्तीय वर्ष के बाद मिलती है, जिससे आप आपात स्थिति में अपने पैसे का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुविधा निवेशकों को लचीलापन प्रदान करती है।

इसके अलावा, तीसरे वर्ष के बाद आप PPF खाते पर लोन भी ले सकते हैं। यह लोन ब्याज दर पर आधारित होता है और निर्धारित समय सीमा में चुकाना होता है। इस तरह यह स्कीम ना सिर्फ सेविंग्स बल्कि इमरजेंसी फाइनेंस के लिए भी सहायक बनती है।

नियमित बचत और अनुशासन की आदत

PPF स्कीम आपको नियमित बचत और वित्तीय अनुशासन सिखाती है। जब आप हर साल या हर महीने एक निश्चित राशि जमा करते हैं, तो यह आदत धीरे-धीरे आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाती है। यह लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।

इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें आपको धैर्य रखना होता है। अगर आप 15 साल तक लगातार निवेश करते हैं, तो आपको बिना किसी जोखिम के शानदार रिटर्न मिलता है। यही वजह है कि यह स्कीम मिडिल क्लास परिवारों के बीच काफी लोकप्रिय है।

लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त विकल्प

आज की तेजी से बदलती अर्थव्यवस्था में लोग जल्दी रिटर्न पाने की चाह में शॉर्ट टर्म निवेश को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन PPF जैसी योजनाएं दिखाती हैं कि धैर्य और समय के साथ बड़ा रिटर्न मिल सकता है। यह निवेश की आदत को अनुशासित बनाता है।

अगर आपकी निवेश की अवधि लंबी है और आप टैक्स सेविंग के साथ-साथ भविष्य के लिए सुरक्षित योजना चाहते हैं, तो PPF आपके लिए बिल्कुल सही विकल्प है। ₹90,000 सालाना निवेश करने पर 15 साल बाद ₹24 लाख से ज्यादा की राशि मिलना एक प्रभावशाली उदाहरण है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। निवेश करने से पहले पोस्ट ऑफिस या बैंक से नवीनतम ब्याज दर और नियमों की पुष्टि अवश्य करें। ब्याज दरों में समय-समय पर बदलाव हो सकता है, जिससे मैच्योरिटी राशि प्रभावित हो सकती है।

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