PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अब किसानों को दोगुना लाभ मिलने वाला है। पहले जहां एक किस्त में ₹2000 मिलते थे, अब किसानों के खाते में ₹4000 ट्रांसफर होंगे। यह बदलाव उन किसानों के लिए है जिनकी पिछली किस्त लंबित रह गई थी। सरकार अब दो किस्तों की राशि एक साथ भेजेगी। इससे लाखों किसानों को आर्थिक सहारा मिलेगा। यह खबर सभी किसानों के लिए बेहद राहत देने वाली है।
दो किस्तों का पैसा मिलेगा एक साथ
ऐसे किसान जिनका वेरिफिकेशन अब पूरा हुआ है और पिछली किस्त नहीं मिली थी, उन्हें अब दोहरी रकम दी जाएगी। 19वीं और 20वीं किस्त की राशि एक साथ उनके खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इसका मतलब है कि उन्हें कुल ₹4000 मिलेंगे। यह व्यवस्था केवल उन्हीं किसानों के लिए है जिनकी पिछली किस्त अटकी थी। इससे किसानों का पिछला नुकसान भी पूरा होगा। सरकार पारदर्शिता के साथ इस प्रक्रिया को लागू कर रही है।
अब तक जारी हो चुकी हैं 19 किस्तें
सरकार ने अब तक पीएम किसान योजना के अंतर्गत 19 किस्तें ट्रांसफर कर दी हैं। जिन किसानों को 19वीं किस्त नहीं मिली थी, उन्हें अब दो किस्तों का लाभ एक साथ मिलेगा। फिलहाल 20वीं किस्त का सभी किसान बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पहले की तरह इस बार भी सरकार तय तारीख पर पैसा भेजेगी। जिनका वेरिफिकेशन पूरा है उन्हें राशि समय पर मिलेगी। इसके लिए किसानों को कोई अतिरिक्त प्रक्रिया नहीं करनी है।
20वीं किस्त के लिए तय हुई संभावित तारीख
पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त जुलाई से अगस्त के बीच ट्रांसफर होने की उम्मीद है। बीते वर्ष की किस्त मई में ट्रांसफर की गई थी, लेकिन इस बार 2 अगस्त की तारीख सामने आ रही है। अगर आप पात्र हैं और केवाईसी पूरी कर चुके हैं, तो आपको समय पर पैसा मिलेगा। केंद्र सरकार इस बार सभी तकनीकी पहलुओं को देखते हुए काम कर रही है। ताकि किसानों को बिना देरी पैसा प्राप्त हो सके।
अपात्र किसानों को हटाया जा रहा है
सरकार अब योजना में पारदर्शिता और अनुशासन को बढ़ाने पर जोर दे रही है। इस कारण अब तक 1.86 लाख से अधिक अपात्र किसानों को योजना से बाहर किया जा चुका है। कई राज्यों में अभी यह प्रक्रिया जारी है। अब भूमि रिकॉर्ड और आधार सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। अपात्र किसानों को रोककर योग्य किसानों को लाभ देना ही सरकार का उद्देश्य है। इससे योजना की विश्वसनीयता भी बनी रहेगी।
केवाईसी और भूमि सत्यापन हुआ जरूरी
सरकार ने किसानों के लिए अब e-KYC और भूमि रिकॉर्ड सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। इसके बिना किसानों को अगली किस्त नहीं मिलेगी। इसके तहत आधार नंबर और बैंक खाता लिंक होना आवश्यक है। जिन किसानों का सत्यापन अभी बाकी है, उन्हें जल्द प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। इससे अगली किस्त में कोई बाधा नहीं आएगी। सभी राज्य सरकारों को भी सख्ती से इसका पालन करने को कहा गया है।
₹6000 वार्षिक सहायता योजना
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को सालाना ₹6000 की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। प्रत्येक चार महीने पर ₹2000 सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर होते हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और खेती में मदद देना है। अब तक करोड़ों किसान इस योजना का लाभ ले चुके हैं। समय-समय पर सरकार इसमें सुधार और विस्तार करती रही है। जिससे अधिक किसानों तक मदद पहुंच सके।
योजना का फायदा किन्हें मिलता है
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जिनके पास खेती योग्य भूमि है। इसमें छोटे और सीमांत किसान शामिल हैं। ऐसे किसान जो आयकरदाता हैं या सरकारी नौकरी में हैं, वे इस योजना के पात्र नहीं हैं। इसके अलावा जिनके पास फर्जी दस्तावेज या गलत जानकारी है, उन्हें भी योजना से बाहर किया जा सकता है। योजना का मकसद केवल सही किसानों को ही आर्थिक मदद देना है।
बैंक खाते का सत्यापन है जरूरी
किसानों को समय पर राशि पाने के लिए बैंक खाते का सत्यापन भी जरूरी है। कई बार खाते में गलती या लिंक न होने से पैसा ट्रांसफर नहीं हो पाता। इसलिए किसान अपना खाता आधार से लिंक करवाएं और NPCI मैपिंग भी सुनिश्चित करें। गलत जानकारी के कारण कई बार किस्त रोकी जाती है। बैंक और CSC केंद्र इस प्रक्रिया में सहायता कर रहे हैं। सही जानकारी होने पर पैसा बिना रुकावट मिल जाता है।
डबल किस्त से किसानों को मिलेगी राहत
इस बार एक साथ दो किस्तें मिलने से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। खासकर उन किसानों के लिए यह फायदेमंद है जिन्हें पिछली राशि नहीं मिली थी। ₹4000 की रकम से वे खेती से जुड़ी जरूरी सामग्री खरीद सकेंगे। खाद, बीज या सिंचाई जैसे कार्यों में यह धन उपयोगी होगा। सरकार की यह पहल किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में अहम कदम है। भविष्य में भी योजना को और मजबूत किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना देने के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना से जुड़ी सभी जानकारी और पात्रता की पुष्टि के लिए कृपया आधिकारिक पोर्टल या स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।