Personal Loan: आज के समय में पर्सनल लोन लेना बहुत आम हो गया है। चाहे इमरजेंसी खर्च हो या अचानक कोई योजना कई लोग तुरंत फंड के लिए इस विकल्प को चुनते हैं। बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां वेतनभोगी और स्व-नियोजित दोनों प्रकार के ग्राहकों को आकर्षक ऑफर के साथ पर्सनल लोन दे रही हैं। लेकिन क्या यह सही विकल्प है? आज हम जानेंगे कि पर्सनल लोन कब लेना चाहिए, कब नहीं, और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
पर्सनल लोन पर लगती है सबसे ज्यादा ब्याज दर
पर्सनल लोन सिक्योर्ड नहीं होते, यानी इसके लिए किसी गारंटी या संपत्ति की जरूरत नहीं पड़ती। इसी कारण इन पर ब्याज दर (Interest Rate) भी ज्यादा होती है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा (750 या उससे अधिक) है, तो आपको 9.99% सालाना ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। लेकिन अगर आपका स्कोर कमजोर है, तो यह दर 20% या उससे अधिक भी हो सकती है।
कब लेना चाहिए पर्सनल लोन?
मेडिकल इमरजेंसी में:
अगर अचानक किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण तुरंत पैसे की जरूरत पड़ जाए और किसी अन्य स्रोत से फंड नहीं मिल सके, तो पर्सनल लोन एक अंतिम लेकिन उपयोगी विकल्प बन सकता है।
घर की मरम्मत:
अगर आपके घर की छत टपक रही हो या इमरजेंसी रेनोवेशन की जरूरत हो, तब आप पर्सनल लोन ले सकते हैं। हालांकि ऐसे मामलों में होम इम्प्रूवमेंट लोन लेना बेहतर विकल्प हो सकता है।’
तुरंत कैश की जरूरत:
अगर अचानक किसी आवश्यकता में पैसे चाहिए और आपके पास EMI चुकाने की क्षमता है, तो आप पर्सनल लोन ले सकते हैं।
छोटी अवधि में आवश्यकता:
जब आपको किसी छोटे खर्च के लिए थोड़े समय के लिए लोन चाहिए, जैसे कुछ महीने की अवधि के लिए, तो यह मददगार हो सकता है।
कब नहीं लेना चाहिए पर्सनल लोन?
लाइफस्टाइल खर्चों के लिए:
बहुत से लोग शादी, घूमने, गैजेट खरीदने, या शॉपिंग जैसे गैर-जरूरी खर्चों के लिए पर्सनल लोन लेते हैं, जो कि वित्तीय रूप से नुकसानदायक हो सकता है।
कम क्रेडिट स्कोर:
अगर आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो ब्याज दर ज्यादा होगी, जिससे लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है।
अन्य विकल्प उपलब्ध हों:
अगर आप परिवार या दोस्तों से उधार ले सकते हैं, या इमरजेंसी फंड है, तो पर्सनल लोन से बचना चाहिए।
पर्सनल लोन से जुड़े छिपे खर्च
प्रोसेसिंग फीस:
बैंक लोन प्रोसेस करते समय 1% से 3% तक प्रोसेसिंग चार्ज वसूलते हैं।
डॉक्यूमेंटेशन चार्ज:
कुछ बैंक डॉक्युमेंटेशन के नाम पर भी अलग से शुल्क वसूलते हैं।
प्री-पेमेंट पेनल्टी:
अगर आप लोन अवधि से पहले इसे चुकाना चाहते हैं, तो बैंक पेनल्टी चार्ज कर सकते हैं। यह राशि 2% से 5% तक हो सकती है।
इमरजेंसी फंड क्यों जरूरी है?
फाइनेंशियल प्लानिंग एक्सपर्ट्स मानते हैं कि हर व्यक्ति के पास कम से कम 3 से 6 महीने की इनकम जितना इमरजेंसी फंड होना चाहिए। इससे आप अचानक खर्चों में पर्सनल लोन लेने से बच सकते हैं। EMI का बोझ, खासकर ज्यादा ब्याज दर पर आपके बजट को अस्थिर कर सकता है।
पर्सनल लोन लेने से पहले ध्यान रखें ये बातें
क्रेडिट स्कोर की जांच करें:
अगर आपका क्रेडिट स्कोर 720+ है, तो आपको कम ब्याज दर मिल सकती है। अगर कम है, तो पहले उसे सुधारें।
इनकम स्टेबिलिटी जरूरी:
अगर आपकी आमदनी स्थायी है या आप टैक्सपेयर हैं, तो लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
डेट-टू-इनकम रेश्यो देखें:
अगर आपकी सभी लोन EMI आपकी सैलरी के 50% से अधिक हैं, तो नया लोन मिलना मुश्किल होगा।
रीपेमेंट शर्तों को समझें
:
लोन लेने से पहले प्रीपेमेंट, डिफॉल्ट, लेट चार्ज जैसी शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
प्रोसेसिंग फीस को नजरअंदाज न करें:
यह लोन अमाउंट के अनुसार 1% से 3% तक हो सकती है, जो आपके कुल खर्च को बढ़ा देती है।