जब कोई व्यक्ति समय पर लोन चुकाने में असमर्थ होते है उसे लोन डिफॉल्ट करते है। इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर, जिसे सिबिल स्कोर भी कहा जाता है, पर पड़ता है। सिबिल स्कोर एक से तीन अंको का संख्या होता है जो आपके लिए इतिहास प्रतिनिधित्व करता है। इसको 300 से 900 के बीच होता है जहां 900 का स्कोर सर्वप्रथम माना जाता है।
सिबिल स्कोर का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि जब आप किसी बैंक या किसी संस्थान से लोन लेने जाते हैं तो सबसे पहले आपकी सिबिल स्कोर की जांच करते हैं। आपका अगर आपका स्कोर अच्छा है तो आपको लोन आसानी से मिल जाता है। लेकिन अगर आपका स्कोर खराब है तो यह लोन नहीं मिलेगा या फिर वह उच्च ब्याज दर पर मिलेगा।
लोन डिफाल्टर और उसके प्रभाव
लोन डिफॉल्ट होने पर आपका सिबिल स्कोर खराब होता है जैसे की परीक्षा में खराब होने पर कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल पाता इसके बाद जब भी आप बैंक की किसी लोन लेने जाते हैं तो आपको डिफॉल्ट के कारण नकारात्मक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ता है। इससे आपका लोन नहीं मिलने की संभावना बढ़ जाती है और अगर मिलता है तो उच्च ब्याज दर पर मिलता है।
क्या सिबिल स्कोर हमेशा खराब रहता है
बहुत से लोगों के मन में सवाल उठता है की क्या सिबली स्कोर को हमेशा के लिए खराब हो जाता है इसका उत्तर है नहीं।यदि आप अपने बकाया लोन की राशि और ब्याज चुकाते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर सुधर सकता है लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसको सुधार होने में समय लगता है।
सिबिल स्कोर की नहीं छुपती गड़बड़ी
क्रेडिट स्कोर (cibil score) की हवा ऐसी होती है कि उसकी लहर हर कोने तक पहुंच जाती है। अर्थात, आपके सिबिल स्कोर की निगेटिव रैंकिंग हर बैंक और फाइनेंस एजेंसियों के पास पहुंच जाती है। जब भी आप अगली बार लोन लेने किसी बैंक में या कार लोन लेने के लिए फाइनेंस कंपनियों के पास जाएंगे, वे आपकी निगेटिव स्कोरिंग तुरंत पता कर लेंगे। ऐसी स्थिति में या तो आपको लोन नहीं मिलेगा। अगर लंबे पचड़े के बाद लोन मिल भी जाए तो उसकी ब्याज दर चढ़ा-बढ़ा कर वसूली जाएगी। तब आपको सिबिल स्कोर की अहमियत के बारे में भली-भांति पता चलता है।
कैसे सुधरता है सिबिल स्कोर
आपके लेन देन और क्रेडिट कार्ड छोटे बड़े बिलों का भुगतान को देखते हुए सिबिल स्कोर में सकारात्मक या पॉजिटिविटी आती है। बिलों के पेमेंट में देरी न करें ,समय पर बिल चुकाए जैसे क्रेडिट कार्ड का बिल पूराचुकाना है, न कि मिनिमम ड्यू अमाउंट। इससे भी सिबिल स्कोर सुधरता है। कई बार लोन लेने और इस सही से चुकाने के बाद बैंक से एनओसी (NOC) नहीं लेते जिस वजह से सिबिल स्कोर नेगेटिव में चला जाता है। बैंक से तुरंत NOC लेना चाहिए जिसके बाद ही सिबिल पर आपका डेटा अपडेट होता है। यही बात क्रेडिट कार्ड के साथ है। क्रेडिट कार्ड बंद करते हैं तो बैंक से इसकी पूरी कागजी कार्यवाही कर लें। क्रेडिट कार्ड बंद करने का प्रमाण पत्र बैंक से जरूर लें। इन सब चीजों से आपका सिबिल स्कोर सुधरता है।