Old Pension Scheme 2025 :सुप्रीम कोर्ट का बड़ी फैसला फिर से लागू होगी पुरानी पेंशन जाने पूरी जानकारी

Saroj kanwar
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Old Pension Scheme 2025: देश भर के सरकारी कर्मचारियों के बीच पुरानी पेंशन योजना को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है। सोशल मीडिया पर समय-समय पर यह दावे वायरल होते रहते हैं कि केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने का फैसला ले लिया है या सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में कोई बड़ा आदेश दिया है। हालांकि इन दावों की वास्तविकता को समझना बेहद जरूरी है क्योंकि गलत सूचना से कर्मचारियों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। यह लेख पुरानी पेंशन योजना की वर्तमान स्थिति, सरकार के रुख और कर्मचारियों के लिए उपलब्ध विकल्पों पर प्रकाश डालेगा।

पुरानी पेंशन योजना क्या थी

पुरानी पेंशन योजना वह व्यवस्था थी जो 2004 से पहले सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होती थी। इस योजना के अंतर्गत सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को उनके अंतिम मूल वेतन का साठ प्रतिशत हिस्सा आजीवन पेंशन के रूप में मिलता था। इसमें महंगाई भत्ता भी शामिल होता था और समय-समय पर बढ़ोतरी भी होती रहती थी। इस योजना की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि पेंशनधारक की मृत्यु के बाद उसके परिवार को भी पेंशन का एक निश्चित हिस्सा मिलता रहता था। कर्मचारियों को इस योजना में अपनी तनख्वाह से कोई योगदान नहीं देना पड़ता था और पूरा खर्च सरकार उठाती थी।

नई पेंशन प्रणाली की शुरुआत

वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की जिसे एनपीएस के नाम से जाना जाता है। इस प्रणाली में कर्मचारियों को अपनी सैलरी का एक हिस्सा पेंशन फंड में जमा करना होता है और सरकार भी योगदान देती है। यह राशि शेयर बाजार और अन्य वित्तीय साधनों में निवेश की जाती है। सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाली पेंशन बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है इसलिए इसमें निश्चितता नहीं होती। कर्मचारियों को यह व्यवस्था पसंद नहीं आई क्योंकि उन्हें लगा कि उनकी भविष्य की सुरक्षा अनिश्चित हो गई है। इसी कारण देश भर में कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग शुरू कर दी।

केंद्र सरकार का स्पष्ट रुख

केंद्र सरकार ने संसद में कई बार स्पष्ट किया है कि वह पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू नहीं करेगी। सरकार का तर्क है कि पुरानी पेंशन प्रणाली से राजकोष पर भारी बोझ पड़ता है और बढ़ती जनसंख्या तथा जीवन प्रत्याशा के कारण यह व्यवस्था टिकाऊ नहीं है। वित्त मंत्रालय के अनुसार यदि पुरानी पेंशन योजना लागू की जाती है तो आने वाले दशकों में सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आ जाएगा। इससे विकास कार्यों और अन्य जरूरी योजनाओं के लिए धन की कमी हो सकती है। सरकार ने इसके विकल्प के रूप में एकीकृत पेंशन योजना लागू की है।

एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प

केंद्र सरकार ने कर्मचारियों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एक नई एकीकृत पेंशन योजना लागू की है। इस योजना में पुरानी और नई दोनों पेंशन प्रणालियों की अच्छाइयों को मिलाने का प्रयास किया गया है। इसमें कर्मचारियों को एक न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन की गारंटी दी गई है जो उनके अंतिम वेतन के एक निश्चित प्रतिशत पर आधारित होगी। साथ ही बाजार आधारित निवेश के लाभ भी इसमें शामिल हैं। सरकार का दावा है कि यह व्यवस्था कर्मचारियों को सुरक्षा और वृद्धि दोनों का अवसर प्रदान करती है। हालांकि अधिकांश कर्मचारी अभी भी पुरानी पेंशन योजना की पूर्ण बहाली की मांग पर अड़े हुए हैं।

राज्य सरकारों के अलग फैसले

केंद्र सरकार के विपरीत कुछ राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों के दबाव में आकर पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने का निर्णय लिया है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और झारखंड जैसे राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल कर दी गई है। इन राज्यों में कर्मचारियों को राहत मिली है और उन्हें भविष्य की सुरक्षा का भरोसा मिला है। हालांकि इससे एक नई समस्या पैदा हुई है कि देश में केंद्रीय कर्मचारियों और कुछ राज्यों के कर्मचारियों के बीच असमानता हो गई है। केंद्रीय कर्मचारी इस भेदभाव को लेकर नाराज हैं और उनकी मांग है कि उन्हें भी समान सुविधा दी जाए।

सोशल मीडिया पर फैलती अफवाहें

\पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर यह दावे तेजी से वायरल हो रहे हैं कि केंद्र सरकार या सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का आदेश दे दिया है। कई बार यह भी कहा जाता है कि 2026 तक सभी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ मिलने लगेगा। हालांकि ये सभी दावे पूरी तरह से निराधार और गलत हैं। सरकार ने किसी भी प्रकार की ऐसी अधिसूचना जारी नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को पुरानी पेंशन योजना लागू करने का कोई सीधा आदेश नहीं दिया है। ये अफवाहें कर्मचारियों के बीच गलत उम्मीदें पैदा करती हैं और जब सच्चाई सामने आती है तो निराशा और हताशा बढ़ती है।

कर्मचारियों को क्या करना चाहिए

सरकारी कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर विश्वास न करें। किसी भी जानकारी को सच मानने से पहले सरकारी वेबसाइट या अपने विभाग से आधिकारिक पुष्टि अवश्य करें। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई एकीकृत पेंशन योजना ही लागू है। कर्मचारियों को इस योजना को समझना चाहिए और इसके लाभों का मूल्यांकन करना चाहिए। साथ ही अपने कर्मचारी संगठनों के माध्यम से वैध तरीके से अपनी मांग उठानी चाहिए। कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से ही सकारात्मक परिवर्तन संभव है।

पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा एक संवेदनशील और जटिल विषय है। वर्तमान में केंद्र सरकार का रुख बिल्कुल स्पष्ट है कि वह इसे दोबारा लागू नहीं करेगी। हालांकि कुछ राज्यों ने अपने स्तर पर यह व्यवस्था बहाल कर दी है। कर्मचारियों को धैर्य रखना चाहिए और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। अफवाहों पर विश्वास करने से बचें और अपनी वित्तीय योजना मौजूदा नियमों के अनुसार बनाएं।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। पुरानी पेंशन योजना और नई पेंशन व्यवस्था से संबंधित नवीनतम और आधिकारिक जानकारी के लिए कृपया कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट देखें या अपने विभाग के कार्मिक अधिकारी से संपर्क करें। पेंशन नीतियां समय-समय पर बदल सकती हैं। यह लेख किसी भी प्रकार की आधिकारिक सरकारी घोषणा नहीं है। सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल सरकारी स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की जानकारी में त्रुटि या उससे होने वाली किसी हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

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