हाल ही में उत्तर प्रदेश की संभल सांसद जियाउर्र रहमान बर्क पर बिजली चोरी का गंभीर आरोप लगा। यह मामला तब उजागर हुआ जब उनके घर का बिजली बिल 0 पाया गया। और जाँच में पुराने बिजली मीटर में गड़बड़ीपायी गयी। इस घटना ने पुराने बिजली मीटर की उपयोगिता और उनकी सटीकता पर सवाल खड़े कर दिए।
पुराने बिजली मीटर से कम आएगा बिजली बिल?
पुरानी बिजली मीटर जो की एनॉलॉग तकनीक पर आधारित होता है। अपनी सटीकता का समय के साथ हो सकते हैं। यह तकनीक बिजली की को मैकेनिकल गियर और डिस्क की मदद से मापती है। लंबे समय तक उपयोग के बाद इन मित्रो की रीडिंग सही नहीं रहती जिससे बिजली का बिल अपेक्षाकृत कम हो सकता है।
पुरानी बिजलीमीटर की तकनीकी खामियां और छेड़छाड़ ‘
पुराने बिजली मीटरों में अक्सर तकनीकी खामियां देखी जाती हैं। बिजली खपत अधिक होने पर भी ये कम रीडिंग दिखा सकते हैं। इन मीटरों में छेड़छाड़ करना भी अपेक्षा कृत आसान होता है जिससे बिजली विभाग विभाग और उपभोक्ता दोनों को नुकसान होता है। इसके कारण यह सवाल उठता है कि क्या पुराने मीटर का उपयोग करना नैतिक या व्यावहारिक है।
क्या पुराने मीटर का उपयोग करना सही है ?
पुरानी मीटर का उपयोग केवल उन स्थानों पर सही माना जा सकता है जहाँ स्मार्ट मीटर की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। लेकिन यदि बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है तो पुरानी मीटर का उपयोग विभागीय गाइडलाइंस का उल्लंघन हो सकता है। पुराने मीटर का उपयोग तभी उचित है जब बिजली विभाग द्वारा स्वीकृत हो और इसमें कोई छेड़छाड़ ना की गई हो। एवं स्मार्ट मीटर की सुविधा उपलब्ध न हो।
स्मार्ट मीटर का महत्व
स्मार्ट मीटर आदमी तकनीकि से लैस होते है और बिजली खपत की सटीकता से मापने में सक्षम है। ये न नगर बिजली चोरी को रोकते हैं बल्कि उपभोक्ता को खपत की बेहतर जानकारी देते है। इनकी रीडिंग ऑनलाइन देखी जा सकती और बिलिंग में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
यदि आपके पास पुराना मीटर है तो क्या करें?
यदि आपके क्षेत्र में अभी भी पुराने मीटर का उपयोग हो रहा है, तो आप इसे बदलने के लिए स्थानीय बिजली कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। पुराने मीटर की जांच कराकर स्मार्ट मीटर लगवाने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें ताकि आप किसी कानूनी विवाद में न फंसें।