उत्तराखंड में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायकों के लिए एक नया साल खुशियों का संदेश लेकर आया है। धामी सरकार एक बड़ी पहल के तहत इन कर्मियों को पेंशन योजना का लाभ देने की तैयारी करी है सरकार ने दिशा में महिला महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के नेतृत्व में योजना प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। योजना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की उद्देश्य से बनाई जा रही है।
पेंशन योजना का प्रस्ताव और विवरण
जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सेवानिवृत्ति के बाद ₹3000 मासिक पेंशन देने की योजना बना रही है। इस प्रस्ताव को अमल में के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना ,नेशनल पेंशन स्कीम ,अटल पेंशन योजना में से किसी योजना में से किसी एक का चयन किया जाएगा। इन योजनाओ के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं का अंशदान भी शामिल किया जाएगा।
इस दिशा में राज्य को अग्रणी बनाने का प्रयास है
महिला सशक्तिकरण में बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रस्ताव जल्दी से जल्दी तैयार करके केबिनेट पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में रजत जयंती वर्ष में यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल का पत्थर साबित होगा। उत्तराखंड में इन योजनाओं को लागू करने का विचार कर्नाटक ,केरल और त्रिपुरा जैसे राज्यों की सफल पेंशन योजना से प्रेरित है। इन राज्यों में पहले से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों के लिए पेंशन व्यवस्था लागू है। उत्तराखंड सरकार का यह कदम इस दिशा में राज्य को अग्रणी बनाने का प्रयास है।
40 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं सेवाएं दे रही हैं
राज्य में वर्तमान में लगभग 40 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं सेवाएं दे रही हैं। इसके अतिरिक्त 7000 से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। राज्य सरकार का मानना है इन कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद में आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना का उद्देश्य इन कर्मियों को समाज में सम्मान और स्थिरता प्रदान करना है।