अगर आप भी हाईवे पर वाहन चलाते हैं तो आप सभी को बता दें की वर्तमान समय तक टोल टैक्स बचाने के लिए सरकार की ओर से फास्ट टैग सिस्टम को लागू किया गया था। लेकिन अब यह सिस्टम खत्म करते हुएसरकार नए तरीके से टोल टैक्स काटने की तैयारी कर ली है। वहीं अब वाहन चालकों को फास्टैग की वजह नए सिस्टम में ढालना पड़ेगा। उसी अनुसार टोल का भुगतान करना पड़ेगा।
आपको बता दे के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बारे में सभी लोगों की जानकारी शेयर की है ऐसे में इस खबर में जानत है कि आपकी किस तरीके से टोल बूथ पर टोल काटा जाएगा।
वाहन चालकों को कटेगा इस सिस्टम से टोल
फ़ास्ट टैग सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन टैक्स पर काम करते हैं। जो ऑटोमेटिक टोल कलेक्ट करने में अहम भूमिका निभाते है। ऐसे बता दे की यह सिस्टमअब पुराने में शामिल होंगे और इसकी वजह बेस्ट टोलिंग सिस्टम के तहत वर्चुअल टोल स्थापित होंगे यानि अब सेटेलाइट सिस्टम में टोल टैक्स काटा जाएगा।
आप सभी लोगों को बता दे की सरकार चुनिंदा नेशनल हाईवे पर फास्टैग की नई सर्विस के साथ एस और GNSS आधारित टोल टैक्स सिस्टम लागू करने जा रही है जिससे हाईवे पर सफर कर रहे व्यक्तियों को फायदा मिलेगा। वही ऐसा राज्यसभा में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि उन्होंने कुछ रुट डिफाइन किये है जिन्हे नए सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किए जा रहे है। कर्नाटक में NH – 275 के बेंगलुरु -मैसूर हाईवे और हरियाणा में NH -709 के पानीपत- हिसार रूट इस लिस्ट में शामिल किया गया है।
वाहन चालकों का चुटकियों में कट जाएगा टोल, समय का होगा बचत
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने शब्दों में बतलाया की केंद्र सरकार ने मौजूदा फास्टैग के अलावा नेशनल हाईवे चुनिंदा सेक्शन परग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम आधारित इलेक्ट्रॉनिक कनेक्शन इलेक्ट्रिक टोल कनेक्शन सिस्टम को आरंभ पायलट के आधार पर लागू करने का फैसला किया है। वही यह टोल प्लाजा पर लगने वाली टाइम को कम करने का मुख्य उद्देश्य से फास्टैग सर्विस आरंभ किया गया था और इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी लगभग पूरी हो गई है । केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पहले भी बताया था यह फास्टैग से भी तेज है।
सैटेलाइट बेस्ट टोल टैक्स सर्विस टैक्स है जो नाइट टोल वसूली प्रणाली है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि नेशनल हाईवे पर यात्रा में आसानी होगी । यात्रियों को टोल बूथ पर रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि यह सेवा चलते-चलते शुल्क वसूल लेगी और यात्रियों को रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वर्तमान में टोल टैक्स रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन फास्टैग सिस्टम के माध्यम से किया जाता है लेकिन नहीं प्रणाली GNSS बेस्ड टोलिंग सिस्टम यानि वर्चुअल टोल होगा। इसमें के स्थान की पहचान नहीं होगी वह बिना रुके यात्री यात्रा कर पाएगा वहीं सैटेलाइट आधारित प्रणाली अधिक सुविधाजनक होगी जिसे यात्रियों को बिना किसी रूकावट के अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे।
अब टोल कनेक्शन को लेकर सेटेलाइट सिस्टम लागु किया जा रहाहै जिसमें वर्चुअल एंट्रीज इंस्टॉल मौजूद होगा । वही सिस्टम के चलते जिन वाहनों में GNSS सिस्टम लागू होगा वहां यूनिवर्सल टोल के पास होगा और पास के दौरान यूजर के दौरान के खाते में एक निश्चित अकाउंट अमाउंट काटा जाएगा। आपको बता दे वर्तमान समय में ऐसी सर्विसेज की दूसरे कई देशो में लगी हैं।वही वहां के लोग इस नई सुविधा का फायदा उठा रहे हैं। वही इस नई सुविधा से जिन वाहन चालकों के पास फास्टैग है और फिर भी वह टोल क्रॉस करने में देरी लगते हैं तो अब उन वाहन चालकों को पहले से काफी राहत मिलने वाला है।
एनएच प्रोजेक्ट्स में देरी का कारण
आपको बता दें कि केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी से करीब 10 वर्ष पहले आरंभ हुए नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के बारे में भी सवाल किए जा रहे हैं। वही इन्हें लेकर उनसे देश भर में 600 से अधिक नेशनल हाईवे परियोजनाओं में हो रहे देरी को लेकर सवाल किए गए हैं।