Neemuch News: नीमच जिले की जावद तहसील के गांव सरवानिया महाराज के रूपलाल पाटीदार को लोग सर्प मित्र के नाम से जानते हैं। उन्होंने 2020 में जहरीले सांपों को पकड़ना शुरू किया था। वे बताते हैं कि पहले दोस्तों के साथ में मिलकर सड़क पर घूमने वाली बेसहारा गायों के दुर्घटना में घायल होने या बीमार होने पर रुपए इक्डा करके इलाज करते थे। हर महीने इलान पर ज्यादा खर्च आने से राशि का इंतजाम करना मुश्किल होने लगा। इस पर पाटीदार ने सांपों को पकड़ने का काम शुरू किया। वे अभी तक 3 हजार से अधिक जहरीले सांपों का रेस्क्यू कर चुके हैं। इससे मिलने वाले वाले 2 लाख से अधिक रुपए वे गायों के उपचार पर खर्च कर चुके हैं। कोई स्वेच्छा से जो रुपए देता है उसे ले लेते हैं।
गरीब व्यक्ति से रेस्क्यू के बदले स्पर नहीं लेते। नीमच जिले में 100 किमी तक लोग कॉल कर बुलाते हैं। जहां से भी फोन आता है तो दोस्तों के साथ में तुरंत रवाना हो जाते हैं। पाटीदार ने बताया कि रेस्क्यू से जहां हजारों सांपों की जान बचाने का काम किया है वहीं गौमाता के इलाज के रूप में सेवा का मौका भी मिला है। शुरुआत में थोड़ा डर लगा लेकिन जैसे-जैसे रेस्क्यू करते गए डर खत्म हो गया। रेस्क्यू के दौखन सांप ने इसा भी है लेकिन वे जहरीले नहीं थे। रुपलाल ने बताया कि साथी के रूप में रवि पाटीदार, अर्जुनसिंह राणावत, अजय प्रतापसिंह और दिलखुश शामिल हैं। बारिश के मौसम में अभी रोज वे 7 से 8 सांपों का रेस्क्यू कर रहे हैं। कई बार तो उन्हें रात-रातभर तक भी इस काम के लिए जगना पड़ता है। इसके लिए यू-ट्यूब पर पटेल ऑल रेस्क्यू चैनल भी है।
अभी तक इन प्रजातियों के सांपों को बचाया
सरवानिया महाराज के सर्प मित्र पाटीदार ने 4 सालों में जिन सांपों का रेस्क्यू किन्या है उनमें प्रमुख रूप से एशिया के टॉप टू सांप कॉमन क्रेट, रसल वाइपर, इंडियन स्पैक्टेकल, ब्लैक कोबरा, नॉन विनोमॉस सांप, मॉनिटर (चंदन गोयरा), रॉक पाइथन (अजगर) और भी कई तरह के नॉन विनोमांस सांप हैं। पाटीदार बताते हैं कि चंदन गोयरा से कोई भी व्यक्ति घबराए नहीं। यह जहरीला नहीं होता है। इसको लेकर लोग फिर भी डरते हैं तो कई बार चंदन गोबरा से खुद को कटवाया और लोगों को बताया। उन्होंने कहा कि भी सांप आ जाए, उस जगह पर बदबूदार दवाई का छिड़काव करें ताकि दूसरा सांप वहां पर नहीं आ सके।