NDDB की इस पहल से दूध उत्पादकों में होगा लाभ,किसानो को होगा बेहद मुनाफा ,जानिए

Saroj kanwar
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देश में दूध उत्पादक बढ़ाने के लिए राष्टीय डेयरी विकास बोर्ड ने एक बड़ी पहल की है। NDDB ने ब्राजील से बेल के वीर्य्य की 40 हजार डोज का आयत किया है।जिसकी पहली खेप भारत पहुंच गई है।ब्राजीलियाई दूतवास के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार भारत ने कृतिम गर्भाधान के माध्यम से दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार ब्राजील से बेल वीर्य की 40,000 खुराक का आयत किया है।

राष्टीय डेयरी विकास बोर्ड NDDB के लक्ष्य भारतीय देशी नस्लों ,गिर और कांकरेज की संख्या बढ़ाना और उनका दूध उत्पादक बढ़ाना है। NDDB एक सरकारी स्वामित्व वाली सहकारी संस्था है जो मदर डेयरी ब्रांड का स्वामित्व और संचालन करती है।पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है।

ब्राजील के दूतवास में कृषि अताशे एंजेलो दी किरोज मेरिसियो ने कहा,’ NDDB द्वारा 40,000 वीर्य खुराक का पहला आयात इसी महीने हुआ है।यह लंबे समय से की एक परियोजना है.तीन चार साल से इस पर चर्चा हो रही थी।यह एक कठिन चर्चा थी ,लेकिन हम इसे हाल करने में कामयाब रहे और अब जाकर आयत हो पाया है।यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब सरकार FY34 तक प्रति वर्ष 330 मिलियन टन दूध का उत्पादन करने का लक्ष्य बना रही है।भारत सरकार के बयान के अनुसार भारत ने वित् वर्ष 2023 में 230.6 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया ,जो एक साल पहले की तुलना में 3.8 % की वृद्धि और वित् वर्ष 2019 की तुलना में 22.8 % की वृद्धि है।भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है ,जो वेषिक उत्पादन में 24 % का योगदान देता है,इसके बाद अमेरिका और चीन है।

NDDB की ब्राजीलियाई बेल वीर्य को आयत करने की योजना को पिछले चार वर्षो में भारतीय नस्लों को ख़राब करने की चिंताओं के कारण स्वदेशी गाय प्रजनको से मजबूत प्रतिरोश का सामना करना पड़ा।भारत में उतपन हुई प्रमुख जेब नस्लों में से एक है।जेब मवेशी दक्षिण पक्षिम एशिया में उत्प्प्न हुए और भारतीय मवेशियों की तीन नस्लों से विकसित हुए ह ।

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