National Highway Land Sell New Rule: अगर आप नेशनल हाईवे के किनारे जमीन के मालिक हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हाल ही में सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है जिसके अनुसार अब हाईवे के आसपास जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है। यह कदम भविष्य में होने वाले बड़े सड़क विकास कार्यों और फोरलेन बनाने की योजना को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
स्थानीय प्रशासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति अब इन इलाकों में अपनी जमीन न तो बेच सकता है और न ही खरीद सकता है। इसका मुख्य कारण यह है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र की भूमि का अधिग्रहण सरकार द्वारा किया जाएगा। इसके बदले में भूमि मालिकों को उचित मुआवजा और आर्थिक लाभ भी दिया जाएगा।
नेशनल हाईवे किनारे जमीन बेचने पर क्यों लगी रोक
हाईवे के आसपास की जमीन पर रोक लगाने के पीछे सरकार की बड़ी योजना जुड़ी हुई है। दरअसल, इस क्षेत्र में चार लेन यानी फोरलेन सड़क निर्माण का काम जल्द ही शुरू होने वाला है। सड़क चौड़ीकरण के लिए आसपास की जमीन की आवश्यकता पड़ेगी, जिसके लिए जमीन की बिक्री रोक दी गई है। ऐसा करने से अवैध खरीद-फरोख्त पर नियंत्रण भी रहेगा।
नए नियम के तहत अब जमीन का अधिग्रहण सीधे सरकार के द्वारा किया जाएगा। इस अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान किसानों और भूमि मालिकों को बाज़ार मूल्य से अधिक धनराशि देने का प्रावधान रखा गया है। इस तरह लोगों को आर्थिक नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा, बल्कि अच्छी कीमत मिलने से वे लाभान्वित होंगे।
फोरलेन सड़क बनने से मिलने वाले फायदे
फोरलेन सड़क बनने का सबसे बड़ा फायदा यही होगा कि यहां ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। वर्तमान में यह सड़क दो लेन की है, जिस वजह से भारी ट्रक और गाड़ियों के कारण घंटों जाम लगता है। खासकर औद्योगिक क्षेत्रों में आने-जाने वालों को रोजाना कठिनाई झेलनी पड़ती है।
चार लेन बनने से यातायात सुचारू रूप से संचालित होगा और वाहनों की गति भी सामान्य बनाए रखने में आसानी होगी। इससे न केवल आम नागरिकों को राहत मिलेगी बल्कि उद्योगों और व्यापारियों को भी माल ढुलाई में बहुत फायदा होगा। इस प्रोजेक्ट से स्थानीय व्यवसाय को भी नई रफ्तार मिलेगी।
बलौदा हाईवे का महत्व और निर्माण योजना
बलौदा और आसपास का इलाका औद्योगिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यहां कई फैक्ट्री और कारखाने स्थित हैं, जिससे इस मार्ग पर रोजाना बड़े-बड़े वाहन गुजरते हैं। इस वजह से सड़क पर दबाव लगातार बढ़ रहा है। इसी समस्या को हल करने के लिए केंद्र सरकार ने इस मार्ग को फोरलेन बनाने का निर्णय लिया है।
निर्माण योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में रायपुर विधानसभा क्षेत्र से बलौदा मार्केट तक 53.1 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी, जिस पर करीब 840 करोड़ रुपए खर्च होंगे। दूसरे चरण में भी इसी लंबाई की सड़क बनेगी, जिस पर लगभग 650 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
सरकारी मंजूरी और परियोजना पर खर्च
इस बड़े हाईवे प्रोजेक्ट को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकार ने इसके लिए कुल 1494 करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृति दी है। यह काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा और पूरा होने पर यह प्रोजेक्ट क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।
इस परियोजना से न केवल स्थानीय लोगों को यातायात की सुविधा मिलेगी, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में नए व्यवसाय और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। फोरलेन बनने से इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी और भी मजबूत हो जाएगी, जिससे आने वाले समय में यहां निवेश के अवसर बढ़ेंगे।
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। जमीन की खरीद-बिक्री और अधिग्रहण से जुड़ी किसी भी प्रक्रिया के लिए संबंधित सरकारी विभाग या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करना आवश्यक है।