Mustard Oil Price Increased :गरीब परिवारों को सरकार ने दिया झटका, राशन डिपो में 30 रूपए बढ़ाई सरसों तेल की कीमतें

Saroj kanwar
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Mustard Oil Price Increased: हरियाणा सरकार ने राज्य के बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को झटका देते हुए राशन डिपो पर मिलने वाले सरसों तेल की कीमत में दोगुना से अधिक बढ़ोतरी कर दी है। अब तक 20 रुपये प्रति लीटर की दर से जो फॉर्टिफाइड सरसों तेल इन परिवारों को दिया जा रहा था। उसकी कीमत अब 50 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है।

अब 40 रुपये में नहीं, 100 रुपये में मिलेगा दो लीटर तेल

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार बीपीएल परिवारों को अब हर महीने मिलने वाला दो लीटर तेल 100 रुपये में खरीदना होगा जबकि पहले यही तेल केवल 40 रुपये में मिल रहा था। यह निर्णय मंगलवार को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक द्वारा पत्र क्रमांक: FG-1-119B/2025/9836 के माध्यम से सभी जिलों को सूचित किया गया।

क्यों बढ़ाई गई कीमत?

हालांकि इस मूल्यवृद्धि के पीछे की सीधी वजह का उल्लेख विभाग की ओर से नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि तेल की बाजार दर और सब्सिडी की लागत में बदलाव को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब राज्य के कई गरीब परिवार मौजूदा महंगाई से पहले ही जूझ रहे हैं।

जिलों के खाद्य नियंत्रकों को दिए गए सख्त निर्देश

निदेशक की ओर से जारी पत्र में सभी जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों (DFSC) को निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि राशन डिपो पर उपभोक्ताओं से संशोधित दरों के अनुसार भुगतान वसूला जाए। साथ ही यह पत्र सभी जिला उपायुक्तों (DCs) को भी भेजा गया है ताकि प्रशासनिक स्तर पर निगरानी को मजबूत किया जा सके।

सस्ता तेल अब महंगा – गरीबों पर सीधा असर

अब तक बीपीएल कार्डधारकों को पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के तहत 20 रुपये प्रति लीटर की दर से फॉर्टिफाइड सरसों तेल मुहैया कराया जा रहा था। इससे दो लीटर तेल की कुल कीमत 40 रुपये थी। लेकिन अब यही तेल 50 रुपये प्रति लीटर में मिलेगा यानी दो लीटर के लिए 100 रुपये देने होंगे। यह बढ़ोतरी एक झटके में 150 प्रतिशत से अधिक मानी जा रही है।

तेल की गुणवत्ता में नहीं हुआ बदलाव, केवल कीमत बढ़ी

गौर करने वाली बात यह है कि यह बढ़ोतरी तेल की गुणवत्ता या आपूर्ति प्रक्रिया में किसी बदलाव के बिना की गई है। यानी उपभोक्ता अब उसी किस्म का तेल ज्यादा कीमत पर खरीदने के लिए बाध्य होंगे। सरकार की ओर से इसकी कोई वैकल्पिक राहत योजना या अतिरिक्त सब्सिडी की जानकारी साझा नहीं की गई है।

बीपीएल परिवारों में बढ़ी चिंता, विरोध की आशंका

राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बीपीएल कार्डधारकों में इस निर्णय को लेकर गंभीर चिंता देखी जा रही है। पहले से ही रसोई गैस, सब्जी और आटे की कीमतों में तेजी से परेशान परिवार अब सरसों तेल की बढ़ी कीमत से और अधिक दबाव में आ जाएंगे। राजनीतिक हलकों में भी इस निर्णय को लेकर विरोध की संभावनाएं बन रही हैं। कई सामाजिक संगठनों ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग शुरू कर दी है।

राज्य में बीपीएल कार्डधारकों की संख्या लाखों में

हरियाणा में लाखों परिवार बीपीएल श्रेणी में आते हैं, जो राज्य सरकार द्वारा राशन डिपो के माध्यम से सस्ते खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं पर निर्भर रहते हैं। तेल जैसी आवश्यक वस्तु की कीमत बढ़ना इन परिवारों के घरेलू बजट को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।

तेल के दाम बढ़ने से जुड़ी पुरानी घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब राशन डिपो पर मिलने वाली वस्तुओं की कीमतों में इजाफा किया गया है। पिछले वर्षों में भी चीनी, चावल और गेहूं की कीमतों में मामूली वृद्धि की गई थी, लेकिन इस बार तेल की कीमत में सीधा 30 रुपये प्रति लीटर का इजाफा, गरीब परिवारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है।

क्या हो सकता है असर?

  • घरेलू बजट पर अतिरिक्त बोझ
  • तेल की खपत में कटौती, जिससे पोषण स्तर प्रभावित हो सकता है
  • आम लोगों में सरकारी योजनाओं के प्रति असंतोष
  • राजनीतिक आलोचना और विरोध प्रदर्शन की आशंका

सरकार से राहत की उम्मीद

अब देखना यह होगा कि सरकार इस बढ़ी हुई कीमत को लेकर कोई राहत या नई सब्सिडी योजना लाती है या नहीं। वर्तमान परिस्थिति में यह आवश्यक हो गया है कि बीपीएल परिवारों के हितों की रक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं।

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