mushroom farming कम पानी से परेशान किसान ने शुरू की अनोखी खेती, अब सालाना कमाई है 55 लाख के पार

Saroj kanwar
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mushroom farming: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खायरा गांव के किसान योगेंद्र यादव ने उस समय इतिहास रच दिया जब उन्होंने जल संकट को आर्थिक अवसर में बदल दिया. वर्ष 2022 में खेत का बोरवेल सूखने के बाद पारंपरिक खेती छोड़कर उन्होंने मशरूम उत्पादन की ओर कदम बढ़ाया, और आज उनकी सालाना आमदनी ₹55 लाख तक पहुंच चुकी है.

टैक्सी से खेती तक


योगेंद्र यादव की कहानी केवल खेती की नहीं, बल्कि हिम्मत, बदलाव और दूरदर्शिता की कहानी है.
2005 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कई सरकारी नौकरियों के प्रयास किए.
जब प्रयास असफल रहे तो गुरुग्राम में टैक्सी चलाना शुरू किया.
कुछ साल बाद गांव लौटे और तीन एकड़ ज़मीन पर खेती शुरू की.
लेकिन पानी की समस्या के कारण खेती संकट में थी.
उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ और मुरथल व गुरुग्राम के मशरूम सेंटर्स से प्रशिक्षण लेकर एक नई दिशा चुनी.


शुरुआती संघर्ष और सफलता


योगेंद्र ने 2022 में ‘महेंद्रगढ़ मशरूम फार्म’ की शुरुआत की.
पहले साल 20 क्विंटल उत्पादन से ₹2.5 लाख की आय हुई.
2023 में 200 क्विंटल मशरूम उत्पादन से ₹15 लाख की कमाई हुई.
यह बदलाव दिखाता है कि आधुनिक कृषि तकनीक कैसे बदलाव ला सकती है.


आधुनिक तकनीक से खेती में क्रांति


2024 में उन्होंने एक खाद यूनिट स्थापित की, जिससे उत्पादन 900 क्विंटल तक पहुंचा और 25 लाख की आय हुई.

इसके बाद दो नई आधुनिक यूनिट शुरू की गईं, जिससे:
1100 क्विंटल उत्पादन
₹55 लाख सालाना कमाई
अब उनका लक्ष्य 1500 क्विंटल मशरूम उत्पादन का है.
हर सप्ताह दिल्ली, गुरुग्राम और रेवाड़ी में ताजे मशरूम की सप्लाई की जा रही है. सात किस्में, कई उत्पाद और बाज़ार में जबरदस्त मांग
योगेंद्र यादव सात प्रकार की मशरूम किस्में उगा रहे हैं:
सफेद बटन
पिंक व व्हाइट ओयेस्टर
मिल्की
ऋषि मशरूम आदि


इन मशरूम से वे बना रहे हैं:


नमकीन, बिस्किट, लड्डू, अचार, और सूखा पाउडर
इनकी बाज़ार में अच्छी मांग है. योगेंद्र ने खुद की प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की है जहां 10 से अधिक महिलाओं को रोजगार दिया गया है.
प्रशिक्षण से युवाओं को आत्मनिर्भर बना रहे हैं
हर महीने योगेंद्र 50 से ज्यादा युवाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण भी देते हैं.
उनके इस सफर में उनका परिवार भी साथ दे रहा है –
पत्नी ममता, बेटे विनय और विहान भी फार्म के काम में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.


सम्मान और मान्यता


योगेंद्र यादव को हाल ही में राज्य स्तर पर ‘प्रगतिशील किसान अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया है.
यह सम्मान उनके दृढ़ संकल्प, नवाचार और साहसिक फैसले की पहचान है, और यह साबित करता है कि यदि सोच बदली जाए तो खेती भी एक लाभदायक व्यवसाय बन सकती है.

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