Mushroom Farming Subsidy :मशरूम की खेती करने वालों के लिए खुशखबरी, सरकार की तरफ से मिलेगी भारी सब्सिडी

Saroj kanwar
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Mushroom Farming Subsidy: मशरूम उत्पादन से जुड़े किसानों के लिए राज्य सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है. अब सिर्फ प्रशिक्षण या स्पान पर ही नहीं. बल्कि तीन महत्वपूर्ण यूनिटों पर भी सीधा सरकारी अनुदान मिलेगा. इस कदम का मकसद न सिर्फ मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देना है. बल्कि किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि करना भी है.

पहली बार तीन यूनिटों पर अनुदान का फैसला


सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष से मशरूम उत्पादन यूनिट, मशरूम स्पान यूनिट और मशरूम कंपोस्ट यूनिट के लिए 40 प्रतिशत तक सब्सिडी देने की योजना शुरू की है. यह फैसला मशरूम उद्योग को संगठित और रोजगारपरक बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

किसानों को अनुदान के साथ मिलेगा स्वरोजगार का अवसर


राज्य सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य न केवल मशरूम उत्पादन बढ़ाना है. बल्कि स्वरोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देना है. तीनों योजनाओं की कुल लागत लगभग ₹80 लाख रुपये है. जिस पर किसानों को अलग-अलग यूनिटों के लिए 12 लाख से लेकर 8 लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा.


अलग-अलग योजनाओं में हिस्सा लेने की आज़ादी


सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसान इन तीनों योजनाओं में से किसी भी एक योजना का चयन कर सकते हैं. यदि कोई किसान चाहे तो वह तीनों योजनाओं में भी आवेदन कर सकता है. इससे लचीलापन और अधिकतम लाभ की संभावना बढ़ जाती है.


केंद्र प्रायोजित योजना के तहत मिली स्वीकृति


यह पूरी योजना “एकीकृत बागवानी विकास मिशन” के तहत केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इसे लागू किया जाएगा और सभी आवेदन ऑनलाइन डीबीटी पोर्टल के माध्यम से लिए जाएंगे.


हरेक योजना पर कितनी राशि का अनुदान मिलेगा?


सरकार ने तीनों योजनाओं के लिए स्पष्ट लागत और अनुदान राशि निर्धारित की है:

मशरूम उत्पादन इकाई: लागत ₹30 लाख | अनुदान ₹12 लाख
मशरूम कंपोस्ट इकाई: लागत ₹30 लाख | अनुदान ₹12 लाख
मशरूम स्पान इकाई: लागत ₹20 लाख | अनुदान ₹8 लाख
पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर मिलेगा लाभ
आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी. लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा, जो “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर आवेदन करेंगे. इसके लिए किसानों को मशरूम प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, ले-आउट प्लान, परियोजना प्रस्ताव और बैंक से ऋण की सहमति रिपोर्ट अपलोड करनी होगी.

आवेदन की प्रक्रिया और पात्रता


सहायक निदेशक उद्यान प्रशांत कुमार ने बताया कि किसानों के लिए ऑनलाइन पोर्टल खोला गया है. किसान डीबीटी पोर्टल पर जाकर सभी दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं. यदि कोई दस्तावेज अधूरा है तो आवेदन अस्वीकृत किया जा सकता है.

उत्पादन से लेकर स्वरोजगार तक मिलेगा लाभ


यह योजना न केवल कृषि क्षेत्र में विविधता लाएगी. बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगी. मशरूम जैसे लाभकारी फसल की ओर किसान आकर्षित होंगे और स्थायी आय का स्रोत भी सुनिश्चित होगा.

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