MSP Hike 2025 :अब किसानों को मिलेगा लागत से 50% ज्यादा दाम, सरकार ने MSP और कृषि योजनाओं पर खोला खजाना

Saroj kanwar
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MSP Hike 2025: भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बड़ी बढ़ोतरी की है। इससे किसानों को उनकी फसलों की लागत से पचास प्रतिशत ज्यादा कीमत मिलने की गारंटी दी गई है। इस फैसले का सीधा फायदा देश के करोड़ों किसानों को मिलेगा। सरकार का कहना है कि इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि कृषि को एक स्थिर और लाभकारी व्यवसाय बनाया जा सकेगा। अरहर जैसी फसलों की कीमतों में अब तक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई है। इस कदम से किसानों में उम्मीद और आत्मविश्वास का नया संचार हुआ है।

इन फसलों में सबसे ज्यादा वृद्धि

सरकार द्वारा जारी नई MSP सूची में अरहर दाल की कीमत ₹8,000 प्रति क्विंटल कर दी गई है। यह अब तक का सबसे उच्चतम समर्थन मूल्य है, जो पहले ₹6,300 थी। इसी तरह मूंग की कीमत ₹7,275 से बढ़कर ₹8,768 और तिल की कीमत ₹7,307 से ₹9,846 कर दी गई है। इन बढ़ी हुई दरों से किसानों को उनकी मेहनत का सीधा लाभ मिलेगा। इससे दलहन और तिलहन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की योजना है कि उत्पादन लागत को कवर करने के साथ किसानों को पर्याप्त मुनाफा भी दिया जाए। यह बदलाव बाजार में किसान की स्थिति को मजबूत करेगा।

कृषि बजट में छह गुना बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने कृषि मंत्रालय के बजट में भी जबरदस्त इजाफा किया है। वर्ष 2013-14 में जहां बजट ₹21,933 करोड़ था, वह अब बढ़कर ₹1.37 लाख करोड़ से भी ज्यादा हो गया है। यह छह गुना से अधिक की वृद्धि है, जो यह दर्शाती है कि सरकार कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। बढ़े हुए बजट से ज्यादा किसानों तक योजनाएं पहुंच सकेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और अर्थव्यवस्था को भी इसका लाभ मिलेगा। यह निवेश कृषि ढांचे को मजबूत बनाने और किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा।

छोटे किसानों के लिए विशेष योजनाएं

सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल ₹6,000 की सहायता दी जा रही है। इसके अलावा किसान मान-धन योजना, फसल बीमा योजना और ब्याज छूट योजना जैसे कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है। कृषि अवसंरचना निधि और मधुमक्खी पालन मिशन भी शुरू किए गए हैं। इनसे किसानों को नए आय के साधन मिल रहे हैं और खेती को नई दिशा मिल रही है।

एमएसपी तय करने में बदलाव और पारदर्शिता

एमएसपी तय करने की प्रक्रिया में भी बदलाव लाया गया है। अब समर्थन मूल्य कृषि लागत के साथ पारिवारिक श्रम (A2+FL) को जोड़कर तय किया जाता है। इसके बाद 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर नई दरें तय की जाती हैं। इससे किसानों को उनकी मेहनत का बेहतर मूल्य मिल पाता है। इसके अलावा सरकार ने 2022 में एक समिति बनाई है जो MSP को और पारदर्शी और प्रभावी बनाने पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य किसानों को बाजार में मजबूत स्थिति देना है। अब एमएसपी सिर्फ एक घोषणा नहीं बल्कि लाभकारी गारंटी बन चुकी है।

नई नीति से बदलेगी कृषि की तस्वीर

सरकार की नई MSP नीति से खेती को एक फायदे वाला पेशा बनाने की कोशिश हो रही है। अब किसान सिर्फ मंडियों पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि उन्हें सीधे बाजार से जोड़ा जाएगा। ई-नाम, एग्री मार्केटप्लेस और कांट्रैक्ट फार्मिंग जैसे माध्यमों से बिचौलियों की भूमिका कम की जाएगी। इससे किसान को सीधे मुनाफा मिलेगा और उत्पाद की बेहतर कीमत भी। सरकार की मंशा है कि हर किसान को उसकी मेहनत का पूरा हक मिले। आने वाले समय में यह व्यवस्था खेती की दिशा और दशा दोनों को बदल सकती है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है। इसमें दी गई योजनाओं और नीतियों से संबंधित सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट या सरकारी स्रोतों की जांच अवश्य करें। लेखक किसी भी सरकारी योजना के लाभ या आवेदन की गारंटी नहीं देता।

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