MP में बीएड के बेड रिजल्ट पर बड़ा निर्णयः चार विषयों की उत्तर पुस्तिकाएं दोबारा जांची जाएगी, 30 दिन का समय लगेगा

Saroj kanwar
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MP News: मध्यप्रदेश में देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी द्वारा घोषित बीएड फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा के बेड रिजल्ट पर सोमवार को जमकर हंगामा मचा। भास्कर द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद छात्र संगठन के नेतृत्व में बीएड के सैकड़ों छात्र नालंदा परिसर पहुंचे और प्रदर्शन किया। हालांकि, भारी पुलिस बल की मौजूदगी में गेट पर ही उन्हें रोक दिया गया। छात्र सड़क के किनारे ही बैठ गए। चर्चा के लिए कुलपति प्रो. राकेश सिंघई, रजिस्ट्रार प्रज्ज्वल खरे, परीक्षा कंट्रोलर डॉ. अशेष तिवारी व डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ एल.के. त्रिपाठी पहुंचे। हंगामे के बीच चर्चा होती रही। एक समय तो कुलपति डॉ. सिंघई बैरिकेड्स व दीवार पर चढ़कर भी छात्रों से बात करते रहे। कई बार तीखी नोकझोंक की स्थिति भी बनी।

छात्र इस बात पर अड़े रहे कि पूरा मूल्यांकन दोबारा से हो, ताकि पता चल सके कि कहां गलती हुई है। आखिर में निर्णय हुआ कि यूनिवर्सिटी एटीकेटी लाने वाले या फेल (चार विषयों तक) सभी छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं दोबारा जंचवाएगी। यानी इन छात्रों का लगभग पूरा रिजल्ट दोबारा तैयार होगा। इसमें पूरे एक माह का समय लगेगा। जानकारी के अनुसार तीन हजार से ज्यादा छात्रों की कॉपियां दोबारा जांची जाएंगी। हर छात्र की अधिकतम चार विषयों की कॉपियां जांची जाएंगी। संभवतः यूनिवर्सिटी ने पहली बार छात्रों की मांग पर इतना बड़ा निर्णय लिया है।

11वीं बार बिगड़ा बीएड का रिजल्ट

दरअसल, चौथे सेमेस्टर का यह रिजल्ट बेहद कमजोर आया है। परीक्षा में 8 हजार 100 छात्र शामिल हुए थे, लेकिन सिर्फ 3600 ही पास हुए। नाराज छात्रों ने मूल्यांकन में चूक और लापरवाही के आरोप लगाए। पिछले चार साल में यह बीएड का 11वां रिजल्ट बिगड़ा है। इसके पहले भी 10 रिजल्ट बेहद खराब आए थे। पिछले साल बीएड सेकंड व फोर्थ सेमेस्टर का रिजल्ट 40 फीसदी से कम रहा था। उसके पहले भी बीएड फर्स्ट व थर्ड सेमेस्टर के रिजल्ट 40 फीसदी से कम आ चुके हैं। हद तो यह है कि 2023 में घोषित बीएड के तीन रिजल्ट में तो सिर्फ 21 से 23 प्रतिशत छात्र पास हो पाए थे।

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