100 से भी ज्यादा वेराइटी की बियर बनती है भारत में ,ये एक बियर तो है शराब से भी ज्यादा स्ट्रांग

Saroj kanwar
6 Min Read

उत्तर भारत कड़ाके की ठंड के आगोश में है उसमें ऐसे लोगों की बातचीत का विषय ज्यादातर गिरता तापमान ,अलाव ,रजाई ,कंबल, स्वेटर, जैकेट और शॉल इर्द गिर्द है। हालांकि गोवा ,बेंगलुरु, बेंगलूर ,पुडुचेरी और दक्षिण भारतीय राज्य में बियर पीने का मौसम हमेशा होता है। लेकिन जब गर्मियों की दोपहर हो ,उस पर ठंडी बियर की चुस्की से बढ़कर कोई सुख नहीं हो सकता है जब चिलचिलाती गर्मी में किसी हाईवे पर जा रहे हैं।

ऐसे में अगर आपको कहीं चिल्ड बियर का बोर्ड दिख जाए तो यह लगता है की जन्नत मिल गई हो। जरूरी नहीं की हर जगह इतना भी लिखा हो कहीं गई तो केवल अंग्रेजी के साथ तीर का निशान भी बना दिया जाता है तो शौकीन लोगों के कदम उधर ही मोड जाते हो।

बियर पीने के आकर्षण कुछ ऐसा ही है। जाहिर भारत में बियर पीने का चलन बढ़ रहा है और साथ ही बढ़ रही बियर की वैरायटी। आज भारत में100 से ज्यादा तरह की बियर बनाई जाती है लेकिन क्या आप इन सभी बियरो के बीच अंतर जानते हैं। बियर को आमतौर पर इन श्रेणियां में बांटा जाता है -लागर, व्हीट, ऐल, आइपीए और स्टाउट आदि लागार बियर देश का सबसे ज्यादा पसंद की जाती है। इसका कारण यह भी है कि एक डेढ़ दशक पहले तक देश में सिर्फ लागर ही बना करती थी पर धीरे-धीरे अन्य किस्म की भी बियर बनने लगती थी।

माइक्रो बुअरी के आने के बाद बियर पानी पीने वालों को दर्जनों नई स्टाइल की बियर का पता चला और लोग लागर के अलावा अन्य किस्म की बियर भी पसंद करने लगे। लोगों का रुझान देखकर बड़ी बियर कंपनी जैसे यूनाइटेड ब्रुअरीज, एबी इन बेव, बीरा आदि ने अलग-अलग स्टाइल की बियर बाजार में पेश कर दी।

कई तरह की बियर वेरायटी

लागर बियर हल्की और सुखद स्वाद वाली होती है जबकि एल फ्रूट फ्लेवर वाली और हल्का मीठा पन लिए होती है। स्टआउट डार्क रंग की होती है। इसमें अल्कोहल की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है। पोर्टर यह भी एक प्रकार की ‘एल बियर ‘है जो स्टाउट से थोड़ी हल्की होती है। डबल लागर भी एक तरह की लागर बियर है जिसमें अल्कोहल की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है। इसमें एक और श्रेणी ट्रिपल लग्र भी है। यह भी लागर बियर है जिसमें अल्कोहल का प्रतिशत काफी उच्च मात्रा में होता है। आईपीए बियर का मतलब इंडिया पेल ऐल है इसके अलावा कुछ और भी वैरायटी है।

बियर को कई अन्य कारकों के आधार पर भी बांटा जाता है। जैसे माल्ट बियर। इसमें इस्तेमाल होने वाला माल्ट के प्रकार के आधार पर बियर के स्वाद और रंग में अंतर आता है। इसी तरह एक होप बियर भी है इसमें इस्तेमाल होने वाला होप के प्रकार की वजह से बियर के समान दो रंग तय होता है। बियर के रंग और स्वाद के लिए फर्मेंटेशन के लिए एक बड़ी वजह है जिसमें अंतर आता है। इन सब के अपने-अपने स्वाद और विशेषताएं हैं। लेकिन क्या आप उनके बीच का अंतर जानते हैं।

भारत में बनने वाली बियर की कुछ श्रेणियाँ

लागर

भारत में सबसे ज्यादा लागर लोकप्रिय है। इसमें किंगफिशर का नाम सबसे ऊपर होता है। अगर आप हल्की और सुपाच्य बियर पसंद करते हैं तो लागर बियर आपके लिए है। यूथ एक और लोकप्रिय लागर बियर है एक किंगफिशर की तुलना में थोड़ी ज्यादा कड़वी होती है। किंगफिशर को भारत के नंबर एक बियर होने का गौरव हासिल है।

ऐल

भारत में ऐल बियर का चलन भी बढ़ रहा है। ऐल बियर की तुलना में थोड़ी कड़वी और स्ट्रांग होती है।

स्टआउट

भारत में स्टआउट का भी छोटा लेकिन बढ़ता हुआ बाजार है। इसमें गिनेस मर्फी और ब्लैक टेल जैसे ब्रांड शामिल है। स्टाउट गहरे रंग की थोड़ी मीठी होती और इसमें कॉफी का टेस्ट आता है।

पोर्टर

पोर्टर बियर स्काउट की तरह ही होती है लेकिन इसमें अल्कोहल थोड़ा कम होता है।

आईपीए

आईपीए एक तीखी और स्ट्रिंग स्ट्रांग बियर है।

क्राफ्ट बियर

भारत में कई छोटी कंपनियां क्राफ्ट बियर बनाती है। यह पारंपरिक बियर से अलग होती है। इनमें कहीं तरह के स्वाद मिलते हैं।

वह बियर जिसके चार घूंट ही काफी है

स्नेक वेनम को दुनिया की सबसे स्ट्रांग बियर का दर्जा मिला हुआ है। स्नेक वेनम की एक बोतल में एक शराब की बोतल से ज्यादा अल्कोहल होता है। इसमें मौजूद अल्कोहल का प्रतिशत 67.5% है। किंगफिशर की लागर बियर में 8% अल्कोहल होता है। बियर में अल्कोहल का प्रतिशत सामान्य तौर पर तीन से लेकर 30% तक होता है। अल्कोहल की मात्रा बियर की वैरायटी के अनुसार घटती -बढ़ती है। बियर भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले सॉफ्ट अल्कोहल ड्रिंक में से एक है। यहां लोग किसी भी खास मौके पर बियर पीने का मौका नहीं छोड़ते।

TAGGED:
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *