Land Possession : भारत में आए दिन ऐसा सुनने को मिलता है कि किसी ने सरकारी जमीन पर कब्जा किए हुए हैं। यह मामला ज्यादातर गांव के इलाकों में देखने को मिलता है। जो लोग सरकारी जमीन पर कब्जा करते हैं उनको भी मालिकाना हक प्राप्त हो सकता है। सरकारी जमीन पर मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए कुछ कानून बनाए गए हैं। आईए जानते हैं क्या है कहता है कानून।
Land Possession : सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को इतने साल बाद मिल जाएगा मालिकाना हक।
भारत में ऐसे बहुत सारे केस है जो जमीन के कब्ज के कारण चलता रहता है। बहुत से लोग जमीन के फर्जीवाड़ा से भी परेशान होते हैं। बहुत से ऐसे लोग हैं जो सरकारी जमीन पर भी कब्जा करके सालों से रह रहे होते हैं। लेकिन क्या एक नियम आपको पता है कि सालों से रह रहे जमीन पर मालिकाना हक भी प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए कुछ कानून बनाए गए हैं।
आप सभी को बता दे की सरकारी जमीन पर कब्जा होने की स्थिति में मालिकाना हक को प्राप्त करना एक जटिल प्रक्रिया है। इसमें कानून पहलू का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक होता है। अगर आप किसी सरकारी जमीन पर 30 साल से अधिक समय तक सरकारी जमीन पर लगातार कब्जा किए हुए हैं तो कानूनी तौर पर मालिकाना हक का दावा किया जा सकता है।
लेकिन इसके लिए कई कानूनी औपचारिकताएं को पूरा करना होगा और कुछ विशेष परिस्थिति में यह संभव भी हो सकता है।
सरकारी जमीन पर मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए कानूनी प्रक्रिया।
सरकारी जमीन पर कब्जा होने की स्थिति में, एडवर्स पोजेशन के कानूनी सिद्धांत के तहत कोई भी व्यक्ति अगर 30 साल से लगातार बिना किसी बाधक किए हुए जमीन पर कब्जा बनाए हुए रखता है, तो वह कानूनी रूप से उसे जमीन का मालिक होने के लिए दवा कर सकता है।
हालांकि यह बात भी ध्यान रखना होगा कि यह सिद्धांत सभी मामलों में लागू नहीं होता है, खासकर उन जमीनों पर जो सार्वजनिक उपयोग या फिर सरकारी संपत्ति के लिए आरक्षित है।
यह प्रक्रिया में आपको यह साबित करने होते हैं कि अपने 30 वर्षों तक लगातार जमीन पर कब्जा किए हुए हैं और इस दौरान किसी भी तरह की कोई बड़ा या फिर कानूनी चुनौती का आपको सामना नहीं करना पड़ा है।
इसके लिए आपको भूमि अभिलेख, बिजली का बिल, आधार कार्ड जैसी दस्तावेजों के साथ-साथ अन्य सबूत भी आपको कोर्ट में पेश करने होंगे जो आपके दावे का समर्थन करेंगे।
सरकारी जमीन पर मालिकाना हक प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया।
अपने क्षेत्र के तहसील कार्यालय या फिर पटवारी से जाकर मिले। जमीन की खसरा नंबर, किस्म, और रिकॉर्ड्स की जानकारी जरूर लें।
इसके अलावा यदि रेगुलराइजेशन स्कीम चालू है तो उसका फॉर्म को प्राप्त करें। अपनी पहचान, कब्जे की अवधि, बिजली/पानी का बिल इत्यादि को संलग्न करें।
राजस्व निरीक्षक/ जांच
राजस्व अधिकारी आकर यह जांच करेंगे कि आप वास्तव में कितने समय से वहां पर कब्जा करके रह रहे हैं। यदि आपके पास बिल, टैक्स, फोटो इत्यादि सबूत होते हैं तो आपकी स्थिति मजबूत होती है।
अगर सरकार संतुष्ट हो जाती है कि आप इस योग्य हैं तो वह पत्ता या फिर स्वीकृति पत्र देश सकती है। कुछ मामलों में आपको फूलों के देकर जमीन की खरीदारी करने का भी मौका दिया जाता है।
जमीन पर कब्जा करना कानूनी अपराध है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 447 के तहत सरकारी जमीन पर कब्जा करना एक दंडनीय अपराध है। अगर ऐसा मामला आता है तो उस जमीन पर से कब्जा हटा सकती है। इसके अलावा कब्जा किए हुए व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज भी कर सकती है और सजा भी हो सकती है।
निष्कर्ष
आप सभी को बता दे की सरकारी जमीन पर अगर आपका भी कब्जा है तो मालिकाना है तो प्राप्त करना इतना सामान्य प्रक्रिया नहीं है, लेकिन अगर आपके राज्य में कोई वैद्य योजना चालू है और आप उसकी शर्त को पूरा कर लेते हैं, तो मालिकाना हक मिल सकता है। हर कदम पर कानूनी प्रक्रिया का पालन जरूर करें और अवैध कब्जे से जरूर बचे।