को -ऑपरेटिव किसान क्रेडिट कार्ड अकाउंट में राशि मार्च 2014 में ₹4.26 लाख करोड़ से दोगुनी से अधिक होकर दिसंबर 2024 में ₹10.05 लाख करोड़ हो गई है यह कृषि गतिविधियों के लिए किसानों को दिए जाने वाले किफायती कार्यशील पूंजी ऋण की मात्रा में शानदार बढ़ोतरी का संकेत देता है। यह कृषि में क्रेडिट में बढ़ोतरी होने और गैर संस्थागत क्रेडिट पर निर्भरता में कमी को प्रतिबिंबित करता है ।
KCC के मिलता है लोन
किसान क्रेडिट कार्ड एक बैंकिंग की उत्पाद है जो किसानों के बीज ,उर्वरक और कीटनाशक जैसी कृषि वस्तुए खरीदने के साथ-साथ फसल उत्पादन वाली से जुड़ी गतिविधियों से संबंधित नकदी आवश्यकता को पूरा करने के लिए समय पर और किफायती क्रेडिट प्रदान करता है। 2019 में केसीसी योजना के पशुपालन डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़ी गतिविधि के कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को कवर करने के लिए विस्तारित किया गया।
7% की दर पर मिलता है किसानों को लोन
भारत सरकार संसोधित ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत केसीसी के माध्यम से ₹300000 तक के अल्पकालिक कृषि लोन को 7% प्रति वर्ष की रियायती दर पर प्रदान करने के लिए बैंकों को डेट परसेंट की ब्याजछूट प्रदान करती है। समय पर लोन चुकाने पर किसानों को 3% का अतिरिक्त त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जो किसानों के लिए बाजार को प्रभावित ढंग से घटाकर र 4% तक कर देता है। 2 लाख तक का लोन कोलेट्रल-फ्री आधार पर दिए जाते हैं जिससे छोटे औरसीमांत किसानों के लिए क्रेडिट की पहुंच बिना परेशानी के सुनिश्चित होती है।
KCC लोन की सीमा 5 लाख की गई
वीट मंत्री में बजट भाषण में 2025 -26 में संसोधित छूट योजना के तहत लोन की सीमा को तीन लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने की घोषणा की जिससे किसानों को और लाभ होगा। 31.12.2024 तक, 7.72 करोड़ किसानों को लाभान्वित करने वाले एक्टिव KCC के अंतर्गत कुल 10.05 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं।