पितृ पक्ष में तुलसी के पौधे की पूजा के समय रखे इन नियमो का ध्यान

Saroj kanwar
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हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है। हर घर के आंगन में लगाए जाने वाले तुलसी के पौधे को धन की देवी लक्ष्मी का रूप माना गया है। मान्यता है कि तुलसी की पूजा अर्चना करने से देवी की लक्ष्मी की कृपा होती है। घर में कभी धन संपत्ति की कमी नहीं होती। हालांकि तुलसी से जुड़े कुछ नियम भी है।

तुलसी की पूजा में नियमों का ध्यान में रखना जरूरी होता है। साल में कुछ दिनों में तुलसी की पूजा और तुलसी को दिया जलाने की मनाही होती है। मान्यता के अनुसार ,इन नियमों का पालन न करने से तुलसी पूजा के लाभ नहीं मिलते हैं। यहां जानते तुलसी से जुड़े नियमों को।

कब न जलाये तुलसी को दिया

रविवार को ना दिखाए दिया

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ,रविवार के दिन तुलसी को दिया ना तो तुलसी को जल देना चाहिए और न हीं दिया जलाना चाहिए। माता तुलसी इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखती है। दीपक जलाने से उनकी व्रत में बाधा पड़ सकती है।

चंद्र और सूर्य ग्रहण

रविवार के साथ -साथ सूर्य या फिर चंद्र ग्रहण के दौरान में तुलसी पूजा करने और तुलसी पर दीपक जलाने की मनाही होती है। ग्रहण के समय तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए। ग्रहण के दौरान तुलसी की पत्ते तोड़ने से देवी लक्ष्मी नाराज होने का खतरा रहता है जिससे आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती है।

पितृ पक्ष में तुलसी के नियम

फिलहाल पितृ पक्ष चल रहा है इसमें तुलसी के खास नियमों का मानना जरूरी होता है। नियमों को पालन से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितृपक्ष में तुलसी की पौधे को स्पर्श करना वर्जित माना जाता है। इस समय तुलसी को छूने से बचना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में तुलसी भूल से भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए इससे पितृ नाराजहो जाते हैं।

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