जब भारत पर भी कई हस्तियां अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मना रही है। वही साउथ हिंदी सिनेमा की सुपरस्टार कमल हसन ने कुछ ऐसा कह दिया है जिसको लेकर सोशल मीडिया पर अफरातफरी मच गई है। चेन्नई मीडिया से बात करते हुए ,राजनेता कमल हसन से राम लला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अपना रिएक्शन दिया।
कमल ने सीधा जवाब देने की बजाय कहा कि उनकी वही राय है जो 30 साल पहले थी
इस दौरान कमल ने सीधा जवाब देने की बजाय कहा कि उनकी वही राय है जो 30 साल पहले थी। अपने बयान में उन्होंने उन्होंने अपने उस बयान का याद किया जो जो उन्होंने की 30 दिसंबर 1991 को बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किए जाने पर दिया था। कमल हसन मीडिया से बात करते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अपना रिएक्शन दिया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कमल हसन ने कहा कि , मेरा जवाब आज भी वैसे ही जैसा 30 साल पहले था।
उन्होंने अपने बयान में कहा की किसी भी को भी बाबरी मस्जिद को नष्ट करने का अधिकार नहीं था। यह ‘मेरी’ इमारत थी जैसे तंजौर मंदिर और वेलांकन्नी चर्च मेरी है। हालांकि अभिनेता ने अभी राम मंदिर उद्घाटन को लेकर कोई सीधी राय नहीं दी।
उनका इशारा इसी बात पर है कि जहां वह धार्मिक मतभेदों में यकीन की नहीं रखते
लेकिन संभावना है कि उनका इशारा इसी बात पर है कि जहां वह धार्मिक मतभेदों में यकीन की नहीं रखते। बता दे की साल 1991 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को लेकर हुए बड़े दंगे के बाद कमल हसन ने बयान दिया था कि राम मंदिर हो या बाबरी मस्जिद इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि वह बिना किसी धार्मिक मतभेद वाली विचारधारा वाले लोगों में विश्वास करते हैं।
कमल उन मशहूर हस्तियों में से एक थे जिन्होंने बाबरी मस्जिद की विध्वंस के तुरंत बाद की थी। याद दिला दे की 2020 में जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी समेत बाबरी मस्जिद विध्वंस के सभी आरोपियों को बरी कर दिया तो कमल हसन ने एक रहस्यमयी ट्विटर शेयर किया। उन्होंने ट्वीट किया ,क्या न्याय के समक्ष ठोस सबूत और मजबूत दलीलें पेश नहीं करना अभियोजन पक्ष की गैरजिम्मेदारी है? क्या यह एक सुनियोजित कार्यवाही है? भारतीयों की न्याय की उम्मीद व्यर्थ नहीं जानी चाहिए।