IRCTC Food Menu: भारत में रोजाना करोड़ों यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं, जिनमें से अधिकांश लंबी दूरी की यात्रा करते हैं. ऐसे सफर में खाना एक अहम जरूरत बन जाता है. खासकर उन लोगों के लिए जो घर से भोजन साथ नहीं ला पाते. ऐसे यात्री अक्सर या तो स्टेशनों पर उपलब्ध खाद्य सामग्री पर निर्भर रहते हैं या ट्रेन की पैंट्री सेवा का उपयोग करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेल मंत्रालय ने खाने की तय कीमत और मेन्यू को लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है?
रेल मंत्रालय ने सार्वजनिक की खाने की तय कीमत
हाल ही में रेल मंत्रालय ने अपने आधिकारिक एक्स (Twitter) अकाउंट पर एक ट्वीट कर वेज मील (स्टैंडर्ड कैसरोल) की कीमत और उसका मेन्यू जारी किया है. यह जानकारी उन सभी यात्रियों के लिए जरूरी है जो स्टेशन या ट्रेन में भोजन खरीदते हैं और उन्हें खाने की वास्तविक कीमत की जानकारी नहीं होती.
कई बार कर्मचारी तय कीमत से ज्यादा वसूलते हैं
अक्सर देखा गया है कि स्टेशन या ट्रेन के पैंट्री स्टाफ यात्रियों से निर्धारित कीमत से अधिक पैसा वसूलते हैं. कई यात्रियों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि रेलवे ने खाने की कीमत पहले से तय की हुई है. इसी भ्रम को दूर करने के लिए मंत्रालय ने स्पष्ट दरें और मेन्यू साझा किया है. ताकि यात्रियों को पारदर्शिता मिल सके.
स्टेशन और ट्रेन में खाने की कीमत अलग-अलग
रेल मंत्रालय के अनुसार, अगर आप स्टेशन पर वेज मील (स्टैंडर्ड कैसरोल) खरीदते हैं, तो उसकी कीमत 70 रुपये होगी. वहीं अगर आप ट्रेन में यात्रा के दौरान यह भोजन लेते हैं. तो इसकी कीमत 80 रुपये तय की गई है. यह दरें रेलवे द्वारा अधिकृत हैं और इससे अधिक पैसा मांगना गलत है.क्या-क्या शामिल है वेज मील (स्टैंडर्ड कैसरोल) में?
रेल मंत्रालय ने जो मेन्यू जारी किया है, उसमें वेज मील में निम्नलिखित सामग्री शामिल होती है:प्लेन चावल – 150 ग्राम
गाढ़ी दाल या सांभर – 150 ग्राम
दही – 80 ग्राम
2 पराठा या 4 रोटी – 100 ग्राम
सब्जी – 100 ग्राम
अचार का पैकेट – 12 ग्राम
यह खाना एक व्यक्ति की लंबी दूरी की यात्रा में भोजन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त माना गया है.अगर कोई कर्मचारी वसूले ज्यादा पैसा तो क्या करें?
यदि आपसे स्टेशन या ट्रेन में किसी कर्मचारी द्वारा निर्धारित दर से अधिक पैसा मांगा जाता है, या आपको खाने में दिए गए मेन्यू से कम सामग्री दी जाती है, तो आप रेल मंत्रालय के ट्वीट का स्क्रीनशॉट दिखा सकते हैं. अगर फिर भी समस्या हल नहीं होती, तो आप रेलवे में शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
ऐसे करें शिकायत – जानिए विकल्प
रेल मंत्रालय ने शिकायत करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध कराए हैं:
- रेलवे का हेल्पलाइन नंबर 139
- रेलवन ऐप पर ‘रेल मदद’ सेवा
- रेल मंत्रालय का एक्स (Twitter) अकाउंट पर डायरेक्ट शिकायत
ये सभी माध्यम यात्रियों की समस्या के समाधान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और त्वरित प्रतिक्रिया देने का दावा करते हैं.यात्रियों को जागरूक होने की जरूरत
यह जरूरी है कि सभी रेल यात्री खाने की वास्तविक कीमत और मेन्यू की जानकारी रखें ताकि उन्हें अनावश्यक शोषण से बचाया जा सके. इसके अलावा यात्रियों को चाहिए कि वे कैश की जगह UPI या डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल करें. जिससे ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रहे और कोई कर्मचारी उन्हें गुमराह न कर सके.
रेलवे की कोशिश – पारदर्शिता और सेवा सुधार
रेल मंत्रालय का यह कदम यात्रियों की सुविधा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है. इसके जरिए न सिर्फ यात्रियों को सही जानकारी मिलेगी, बल्कि पैंट्री और स्टेशन पर कार्यरत अनुशासनहीन कर्मचारियों पर भी नियंत्रण रखा जा सकेगा.
यात्रा से पहले रखें ये जरूरी बात ध्यान में
रेलवे यात्रा के दौरान जब भी आप खाने का ऑर्डर दें. सर्वप्रथम तय कीमत और मेन्यू की जानकारी लें. अगर कोई कर्मचारी इसके खिलाफ जाता है तो बिना हिचक शिकायत दर्ज करें. आपकी एक पहल अन्य यात्रियों को भी बेहतर सेवा दिला सकती है.