जब इंग्लैंड के महान गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने 15 दिसंबर 2002 को मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था। तब यशस्वी जयसवाल की मां की गोदी में 1 साल के थे। साफ है कि ज बएंडरसन न परवान चढ़ रहे थे तो जायसवाल संघर्ष करते बड़े हो रहे थे। साफ है लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम में जारी तीसरे मैच के तीसरे दिन इस लेफ्टी इस महान गेंदबाज को दिखाया कि अब कल का बच्चा-बच्चा नहीं रहा।
किसी युवा ने इस उम्र में एंडरसन की टेस्ट क्रिकेट में ऐसी पिटाई की होगी
भारत की दूसरी पारी से फेंके 27 वे ओवर जायसवाल ने एंडरसन के खिलाफ ऐसा अटैक किया कि 42 वे साल में चल रहे एंडरसन इसे कभी नहीं भूल पाएंगे। शायद ही किसी युवा ने इस उम्र में एंडरसन की टेस्ट क्रिकेट में ऐसी पिटाई की होगी। कम से कम हालिया समय में तो किसी नहीं की। फेंके 27 वे ओवर की पहली गेंद जायसवाल ने पुल से बटोरे चौके से की तो फिर अगली गेंद पर चौका फिर छक्का जड़ दिया।
शुरुआती 3 गेंद पर जायसवाल ने बेहतरीन शॉट लगाकर बाउंड्री बटोरी। आखिरी गेंद पर भी उन्होंने शानदारचौका जड़ते हुए ओवर में 19 रन में बना डाले। जायसवाल ने एंडरसन को बता दिया की वे बच्चे बिल्कुल भी नहीं है , और उन्हें बाउंसरों से डिगानामुश्किल है साथ ही जायसवाल ने दिग्गज पेपसर को यह मैसेज भी दे दिया कि करियर के आखिरी दौर में आप संन्यास पर विचार कर सकते हैं। जायसवाल के इस अंदाज पर पूर्व क्रिकेटर भी खुश है और फैन्स भी।