Income Tax: इस जगह पर करे समझदारी से निवेश नहीं कटेगा कोई भी आपका टेक्स ,यहां जाने पूरी खबर

Saroj kanwar
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हर साल इनकम टैक्स बचाने के लिए सही निवेश करना बहुत जरूरी हो जाता है। खासकर नौकरी पेशा और कर दाता व्यक्तियों के लिए। अगर आप चाहते हैं कि आपकी आय सुरक्षित रहे और साथ ही टैक्स बचत भी हो तो समझदारी से निवेश करें। ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपए से अधिक कीआय पर टैक्स लगता है। लेकिन कुछ निवेश विकल्प आपको इसी सीमा से राहत दिला सकते है। जिससे क्षेत्र 80c के तहत पीपीएफ, एनएससी, और टैक्स सेविंग एफडी में निवेश करने पर टैक्स में छूट मिलती है। इसके अलावा हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर भी टैक्स बचाया जा सकता है।

कौन-कौन सी टैक्स नहीं लगता है जानिए

कुछ इनकम स्रोत ऐसे होते हैं जिन पर कोई टैक्स नहीं होता है और यह आपकी वित्तीय योजना में मददगार साबित हो सकते हैं। सबसे पहले कृषि से होने वाली आय पूरी तरह से टैक्स मुक्त होती है। चाहे वह खेती हो या उससे जुड़े अन्य कार्य। यदि आप किसी फर्म के पार्टनर हो तो वहां से मिलने वाली प्रॉफिट शेयरिंग पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है क्योंकि यह फॉर्म पहले से ही प्रॉफिट के टैक्स को चुका देती है। इसके अलावा, टैक्स-फ्री बांड्स से मिलने वाली ब्याज आय और एलआईसी पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि भी टैक्स के दायरे से बाहर होती है।

वॉलंटरी रिटायरमेंट पर टैक्स छूट का फायदा

अगर कोई सरकारी कर्मचारी अपनी सेवा अवधि पूरी होने से पहले वॉलंटरी रिटायरमेंट लेता है तो उसे ₹500000 तक की राशि पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। यह सुविधा केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए है ,जिससे वे वित्तीय राहत प्राप्त कर सकते हैं। वॉलेंट्री रिटायरमेंट लेने के पीछे आम तौर व्यक्तिगत कारण होते हैं । जैसे स्वास्थ्य परिवार या दूसरी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना।

इस योजना का उद्देश्य ,कर्मचारियों का आर्थिक रूप से सुरक्षित रखना है हालाँकि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि दी गई राशि को और अन्य लाभ सही तरीके से उपयोग की जाए। टैक्स प्लानिंग करते समय इस सूट को ध्यान में रखना फायदेमंद हो सकता है।

HUF से प्राप्त राशि पर टैक्स छूट कैसे मिलती है
आयकर कानून के तहत, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) से प्राप्त राशि पर टैक्स नहीं लगता। सेक्शन 10(2) के अनुसार, HUF से मिलने वाला धन, चाहे वह विरासत में मिला हो या परिवार के सदस्यों के बीच बंटा हो, पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। यह लाभ खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो संयुक्त परिवार व्यवस्था में रहते हैं और पारिवारिक संपत्ति से धन प्राप्त करते हैं। यह छूट परिवारिक संपत्ति या प्रॉपर्टी के माध्यम से आने वाले फंड पर भी लागू होती है।

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