देश की एनर्जी की नीड और कार्बन एमिशन से निपटने केलिए भारत में 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल पर बेस्ड एनर्जी कैपेसिटी हासिल करने का गोल रखा है। इसके तहत देश में सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट का एक्सपेंशन किया जाएगा। इन प्रोजेक्ट के एफिशिएंट ऑपरेशन के लिए सरकार जरूरी पॉलिसी और इन्सेंटिव प्रोवाइड करवा रही है।
इसके कारण आने वाले सालों में कहीं विंड एनर्जी प्रोजेक्ट शुरू होने की उम्मीद है जिससे मेजर विंड टरबाइन जनरेटर मैन्युफैक्चरर सुजलॉन एनर्जी है जिससे काफी लाभ होगा । इससे कंपनी को काफी लाभ होगा साथ ही इन्वेस्टरों ने भी काफीमुनाफा कमाया। वीकली क्लोजिंग डे पर कंपनी का शेयर 3 पॉइंट 86% से बढ़कर 79 पॉइंट 73% पर क्लोज हुआ । यहां जानते हैं इस कंपनी के बारे में।
विंड एनर्जी प्रोजेक्ट का ऑपरेशन और मेंटेनेंस करने वाली कंपनी है
हाल ही में सुजलॉन एनर्जी ने एक्सचेंज पर अपनी एनुअल रिपोर्ट जारी करी है जिनमें 31 जनवरी 2024 से शुरू होने वाले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन पालिसी के इम्प्लीमेंटेशन का मेंशन किया है। सुजलॉन एनर्जी के CFO हिमांशु मोदी ने कहा कि डेविडसन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए स्पेसिफिक डिटेल्स और डेट अभी तक उपलब्ध नहीं है।
यह भी मेंशन किया गया कि FY2025 के लिए योजना तैयार की गई है जिसमें सजेस्ट किया गया है कि मई 2025 में डिविडेंड पर ज्यादा सूटेबल होगी। 8 अगस्त को सुजलॉन एनर्जी ने रेनोम एनर्जी सर्विसेज में स्टेक लेने की अनाउंसमेंट करी है जो विंड एनर्जी प्रोजेक्ट का ऑपरेशन और मेंटेनेंस करने वाली कंपनी है। अधिग्रहण की प्रक्रिया से दो इंस्टॉलमेंट में पूरी की जाएगी।
स्टॉलमेंट में 400 करोड़ में रेनॉ में 51% स्टेक हासिल करेगी
सुजलॉन एनर्जी पहला इंस्टॉलमेंट में 400 करोड़ में रेनॉ में 51% स्टेक हासिल करेगी उसके बाद 18 महीने के अंदर दूसरी इंस्टॉलमेंट में 260 करोड रुपए में 25% एडिशनल स्टेक लेगी। कुल मिलाकर सीजलों रेनॉम एनर्जी सर्विसेज में 76% स्टेक लेने के लिए 660 करोड़ रुपए खर्च करेगी। भारत में गर्मियों के मौसम में टेंपरेचर ने हाल ही में हुई ग्रोथ के कारण देश की एनर्जी कंसम्पशन में काफी ग्रोथ हुई है जिसे मिनिस्ट्री आफ पावर के लिए काफी चेलेंज सामने आए।
एनर्जी की डिमांड अगले साल भी जारी रहने की उम्मीद है जिसे सरकार को सोलर एनर्जी इनिशिएटिव के साथ-साथ विंड एनर्जी प्रोजेक्ट इंस्टॉल करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सोलर एनर्जी प्रोडक्शन दिन के समय तक लिमिटेड होता है और एनर्जी की डिमांड आमतौर पर रात के चरण पर होती है जिससे विंड एनर्जी देश के एनर्जी में का एक जरूरी कंपोनेंट बन जाती है।