हिंदुस्तान जिंक अब 70 %ग्रीन ऊर्जा उत्पादित लहराना चाहती है अपना परचम ,यहां जाने पूरी स्टोरी

Saroj kanwar
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भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने अक्षय ऊर्जा और कार्बन एमिशन को कम करने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कई महत्वकांशी लक्ष्य निर्धारित किए हैं जिनके कारण कंपनी जल्द अपनी कुल क्षमता का 70% अक्षय ऊर्जा से हासिल करेगी।

2027 तक अपनी कुल बिजली आवश्यकताओं का 70% से ज्यादा अक्षय ऊर्जा प्राप्त करने की योजना बना रही है

कंपनी 2027 तक अपनी कुल बिजली आवश्यकताओं का 70% से ज्यादा अक्षय ऊर्जा प्राप्त करने की योजना बना रही है। कंपनी अपनी वर्तमान अक्षय ऊर्जा क्षमता को 450 मेगावाट से बढ़कर 530 मेगावाट करने की योजना बना रही है।जिससे 24/7 ग्रीन एनर्जी की आपूर्ति संभव हो सके। हिंदुस्तान जिंक ने वित्त वर्ष 24 में 0.8 मिलियन गीगा जुल से ज्यादा ऊर्जा की बचत की है जो लगभग 70000 घरो को 1 साल तक बिजली देने के बराबर है। इसी के साथ कंपनी ने 2020 से ग्रीनहाउस गैस उत्सृजन तीव्रता में 14% की कमी हासिल की है जो एक बड़ी उपलब्ध है क्योंकि कंपनी का उत्पादन की मात्रा में काफी वृद्धि हुई है।

कंपनी लो कार्बन फ्यूल के लिए पाइप नेचुरल गैस की ओर भी ध्यान केंद्रित कर रही है साथ हीसाथ ही कंपनी टरबाइन में इम्प्रूवमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर में अपग्रेड कर रही है अपने कैप्टिव पावर प्लांट में।

कंपनी भारत के माइनिंग क्षेत्र में पहली कंपनी बनी है जिसने विज्ञान पर आधारित लक्ष्य पहल की 1.5 डिग्री सेल्सियस की ग्लोबल वार्मिंग लिमिट को अडॉप्ट किया है। इसी के साथ कंपनी ने एशिया का पहले लौ कार्बन जिंक ब्रांड ‘इकोजेन’ लॉन्च किया है। इसी के साथ हिंदुस्तान जिंक का मेटल और माइनिंग श्रेणी में सबसे ज्यादा सस्टेनेबल कंपनी बनने की मान्यता मिली है। हिंदुस्तान जिंक आज के समय में भारत की सबसे बड़ी कंपनी है जो कि जिंक क्षेत्र में 75% बाजार हिस्सेदारी रखती है और 40 से ज्यादा देशों में जिंक की आपूर्ति करती है।

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