Himachal school close :खराब मौसम में बंद रहेंगे बच्चों के स्कूल, ऑनलाइन लगाई जाएगी जाएगी क्लासें

Saroj kanwar
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Himachal school close: हिमाचल प्रदेश में जारी मॉनसून के प्रकोप ने जहां आम जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं शिक्षा व्यवस्था पर भी इसका सीधा असर पड़ा है. प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि खराब मौसम के दौरान छात्र स्कूल नहीं आएंगे, लेकिन शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूल आकर कार्य करना अनिवार्य होगा.

बच्चों को छूट, लेकिन ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी

शिक्षा सचिव राकेश कंवर द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए भारी बारिश या प्रतिकूल मौसम की स्थिति में छात्रों की भौतिक उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी. लेकिन शिक्षकों को स्कूल से ही ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करनी होंगी.

डीसी को आपदा अधिनियम के तहत स्कूल बंद करने का अधिकार

शिक्षा सचिव ने यह भी बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जिला उपायुक्तों को मौसम को देखते हुए स्कूल बंद करने का अधिकार है. लेकिन इस दौरान भी शिक्षण व गैर-शिक्षण कर्मचारियों को स्कूल में उपस्थित रहना होगा.

बारिश के दिनों में कर्मचारियों को करना होगा ये कार्य

बंद दिनों को उत्पादक रूप से इस्तेमाल करने का निर्देश देते हुए सचिव ने कहा कि इन दिनों में शिक्षकों को निम्न कार्य पूरे करने होंगे:

  • मिड-डे मील के लंबित रिकॉर्ड का निपटारा
  • पाठ योजनाओं और मूल्यांकन कार्यों का निष्पादन
  • स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) से संबंधित कार्य
  • समग्र शिक्षा और डाइट से जुड़े असाइनमेंट
  • पीएमआईएस और यू-डाइस पोर्टल पर डेटा अपडेट

मंडी जिले में बारिश से शिक्षा ढांचा बुरी तरह प्रभावित

29 जून से 1 जुलाई 2025 के बीच हुई भारी बारिश ने मंडी जिले में 84 से अधिक स्कूल भवनों को नुकसान पहुंचाया है. जिला शिक्षा विभाग के अनुसार, यह संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है क्योंकि कई क्षेत्रों से रिपोर्ट अभी आना बाकी है.

  • प्राथमिक स्कूलों में करोड़ों का नुकसान
  • अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार
  • 81 प्राथमिक स्कूलों में लगभग 2.26 करोड़ रुपये का नुकसान
  • उच्च शिक्षा उप निदेशक कार्यालय में 3 स्कूल भवनों में 14 लाख का नुकसान
  • शिक्षा खंड बगस्याड़ में कई स्कूलों को भूस्खलन से नुकसान
  • कई स्कूलों के भवन पूरी तरह हुए तबाह

कुछ स्कूलों में हुए प्रमुख नुकसान

  • राजकीय प्राथमिक पाठशाला सुराह का भवन पूरी तरह नष्ट – 20 लाख का नुकसान
  • सुमना स्कूल का एक ब्लॉक क्षतिग्रस्त, दूसरा मलबे से भरा – 10 लाख का नुकसान
  • दारन स्कूल की सुरक्षा दीवार ढही – 3 लाख का नुकसान
  • केयोलीधार स्कूल की सुरक्षा दीवार टूटी – 2 लाख का नुकसान

शिक्षा विभाग की चुनौती

इन स्थितियों में शिक्षा विभाग को शैक्षणिक कार्य को जारी रखते हुए विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है. बारिश और भूस्खलन के कारण स्कूलों की भौतिक संरचना की मरम्मत भी एक बड़ी चुनौती बन गई है.

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