सनातन धर्म में तुलसी के पौधे की नियमित रूप से पूजा की jaati है। तुलसी के पत्तों की पूजा भगवान को लेकर सेहत तक के लिए उपयोग किया जाता है। तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है। मान्यता है की तुलसी की पत्तों को तोड़ने की समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। तुलसी के पत्तों को तोड़ने के कुछ नियम है जिनका पालन जरूर करना चाहिए।
जानते है तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम।
कब नहीं तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ खास दिनों में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़नी चाहिए। तुलसी के पत्ते रविवार ,एकादशी के दिन कभी नहीं तोड़नेचाहिए। इसके साथ ही सूर्यास्त के बाद और अमावस्या के दिन भी तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है।
कैसे तोड़े तुलसी के पत्ते
तुलसी के पत्ते को कभी भी नाखून लगाकर नहीं तोड़ना चाहिए। धर्म शास्त्रों के अनुसार ऐसा करणवर्जित माना गया और इससे धन हानि हो सकती है पत्तों की उंगलियों के sahare हल्के हाथों से तने से अलग करना चाहिए।
बगैर वजह ना तोड़े
तुलसी के पत्तों को बगैर किसी वजह कि नहीं तोड़ना जिसे पूजा भगवान को भोग लगाने सेहत के लिए उपयोग में लाने के लिए ही तोड़ना चाहिए । स्नान के बाद तुलसी के पत्तों को हमेशा स्नान करने के बाद ही तोड़ना चाहिए स्नान किये बिना तुलसी के पत्तों को तोड़ने से पापों का भागी बनता है।
कब नहीं तोड़े
घर में किसी के जन्म में मृत्यु होने पर तुलसी के पत्तों को तोड़ना वर्जित माना जाता है। घर में सूतक समाप्त होने पर तुलसी की पूजा के बाद तुलसी के पत्तों को तोडना चाहिए।