Haryana Sunflower Purchase: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सूरजमुखी किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार ने सूरजमुखी फसल की खरीद की समयसीमा को तीन दिन और बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब किसान 3 जुलाई 2025 तक सूरजमुखी की फसल सरकारी दर पर बेच सकेंगे। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब बारिश के चलते फसल की कटाई और बिक्री में देरी हुई थी।
बारिश के कारण देरी से हुई कटाई
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के प्रवक्ता के अनुसार जून महीने में हुई भारी बारिश के कारण सूरजमुखी की फसल की कटाई में देरी हुई। इसके चलते किसान समय पर फसल को मंडियों में नहीं ला सके। इसी वजह से सरकार ने सकारात्मक कदम उठाते हुए खरीद की अवधि बढ़ाई है, ताकि कोई भी किसान फसल बेचने से वंचित न रह जाए।
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
सरकार के इस निर्णय से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेचने का पूरा अवसर मिलेगा। फसल की बिक्री में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक बाधा न आए। इसके लिए खरीद केंद्र पहले की तरह चालू रहेंगे। इससे किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव की चिंता किए बिना फसल बेचने की सुविधा मिली है।
सूरजमुखी की खरीद का काम कर रही दो एजेंसियां
हरियाणा में सूरजमुखी की खरीद दो प्रमुख एजेंसियों – हैफेड और हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के माध्यम से की जा रही है। इन संस्थाओं ने प्रदेशभर में खरीद केंद्र स्थापित किए हैं। जहां किसान अपनी फसल लेकर पहुंच सकते हैं। इन केंद्रों पर सरकारी दरों पर पारदर्शी प्रक्रिया के तहत फसल की खरीद की जा रही है।
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अब तक कितनी हुई सूरजमुखी की खरीद?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान अब तक 47,300 मिट्रिक टन (MT) सूरजमुखी की खरीद की जा चुकी है। यह पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है, जब केवल 38,903 MT सूरजमुखी की खरीद दर्ज की गई थी। इससे यह साफ है कि इस बार किसानों की भागीदारी ज्यादा रही है और सरकारी नीतियों पर भरोसा भी बढ़ा है। सरकार का लक्ष्य
राज्य सरकार का मकसद है कि कोई भी पात्र किसान सूरजमुखी की बिक्री से वंचित न रह जाए। बारिश और मौसम के कारण जिन किसानों को पहले अपनी फसल बेचने में कठिनाई हो रही थी। उन्हें अब अतिरिक्त समय देकर राहत दी गई है। सरकार की यह पहल कृषक कल्याण की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।फसल बिक्री से जुड़ी यह जरूरी जानकारी किसान रखें ध्यान
फसल की तौल और भुगतान प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जा रही है।
यदि किसी केंद्र पर परेशानी हो रही हो, तो किसान स्थानीय कृषि अधिकारी या जिला प्रशासन से संपर्क करें।
सभी खरीद केंद्र 3 जुलाई 2025 तक खुले रहेंगे।
किसान सही दस्तावेजों और परिवार पहचान पत्र (PPP) के साथ ही अपनी फसल मंडियों में लेकर जाएं।