Haryana School Reopen: हरियाणा में 30 जून 2025 को गर्मियों की छुट्टियों का अंतिम दिन है। राज्य के सभी सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में 1 जुलाई से कक्षाएं दोबारा शुरू हो जाएंगी। शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए सभी जिलों में आधिकारिक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
विशेष टीचर-पैरेंट्स मीटिंग (PTM) का आयोजन
राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 3 से 5 तक के छात्रों के लिए 5 जुलाई को एक विशेष अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) का आयोजन किया जाएगा। यह केवल एक औपचारिक बैठक नहीं होगी, बल्कि इस दिन खेलकूद और सामूहिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को जोड़ने का प्रयास होगा।
PTM से पहले होंगे खेलों का आयोजन
5 जुलाई को PTM से पहले स्कूलों में मटका दौड़, नींबू दौड़, तीन पैर दौड़, म्यूजिकल चेयर और रस्साकशी जैसी मनोरंजक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इनमें बच्चों के साथ अभिभावक भी हिस्सा ले सकेंगे। यह पहल शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य अभिभावकों की भागीदारी को मजबूत बनाना है।
छुट्टियों का गृहकार्य अनुभव आधारित रखा गया
गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को दिया गया गृहकार्य केवल कॉपी-किताब तक सीमित नहीं था। इसे अनुभव आधारित बनाया गया था ताकि बच्चे रचनात्मकता, स्वायत्तता और जीवन कौशल जैसे क्षेत्रों में भी सीख सकें। शिक्षा निदेशालय का कहना है कि इसका उद्देश्य परिवार के सदस्यों की भागीदारी से बच्चों की समग्र शिक्षा को आगे बढ़ाना था।
5 जुलाई को नहीं होगी पढ़ाई
शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि 5 जुलाई को किसी भी प्रकार की शैक्षिक गतिविधि नहीं होगी। इस दिन केवल PTM और खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इससे बच्चों को आराम मिलेगा और पढ़ाई से पहले पुनः जुड़ने का अवसर भी।
PTM की निगरानी के लिए बनाई गई मॉनिटरिंग टीम
PTM के प्रभावी संचालन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, शिक्षा विभाग ने बीआरपी, एबीआरसी और क्लस्टर मुखिया को हर विद्यालय की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है। ये अधिकारी स्कूल का दौरा करेंगे, पैरेंट्स से बातचीत करेंगे, और अंत में गूगल फॉर्म के माध्यम से रिपोर्ट जमा करेंगे।
हर स्कूल को भेजनी होगी रिपोर्ट
PTM के आयोजन के बाद प्रत्येक विद्यालय प्रमुख को अपने स्कूल की पूरी रिपोर्ट क्लस्टर मुखिया को भेजनी होगी। रिपोर्ट में प्रतियोगिता की तस्वीरें, उपस्थित अभिभावकों की संख्या, गतिविधियों का विवरण और पैरेंट्स से मिली प्रतिक्रिया शामिल होगी।
शिक्षा विभाग की अभिनव पहल
यह आयोजन शिक्षा विभाग की उस सोच का हिस्सा है। जिसके तहत अभिभावकों और स्कूल के बीच संबंधों को मजबूत किया जाए। विभाग का मानना है कि पारिवारिक भागीदारी से बच्चों की शिक्षा में गुणवत्ता आती है और बच्चे ज्यादा प्रेरित और आत्मविश्वासी बनते हैं।