Haryana BPL List 2025: हरियाणा सरकार द्वारा किए गए सख्त फैसलों के चलते राज्य में गरीब रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले लाखों परिवारों की सूची में भारी बदलाव हुआ है। बीते छह महीनों में 6 लाख 36 हजार परिवारों को BPL सूची से बाहर कर दिया गया है। मार्च 2025 तक राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या 52,50,740 थी, जो 30 जून 2025 को घटकर 46,14,674 रह गई है।
अब इन परिवारों को नहीं मिलेंगी सरकारी सुविधाएं
बीपीएल सूची से हटाए गए इन परिवारों को अब सरकार की ओर से मिलने वाली मुफ्त या सस्ती राशन सामग्री जैसे गेहूं, दाल, तेल और चीनी की सुविधा नहीं मिलेगी। बीपीएल कार्डधारकों को राज्य सरकार कई योजनाओं में प्राथमिकता देती है, लेकिन सूची से बाहर होने के बाद अब ये लाभ इन परिवारों को नहीं मिलेंगे।
बीपीएल सूची में फर्जीवाड़े को लेकर विपक्ष ने उठाए थे सवाल
विपक्ष लगातार सरकार पर बीपीएल सूची में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठा रहा था। विपक्ष का आरोप था कि राज्य में वास्तविक गरीबों को नजरअंदाज कर कई अपात्र परिवारों को BPL में शामिल किया गया, जिससे वास्तविक लाभार्थी योजनाओं से वंचित रह गए। इस आलोचना के बाद सरकार ने फरवरी-मार्च में बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू की।
मुख्यमंत्री ने दी थी चेतावनी
मार्च 2025 में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि यदि किसी परिवार की आय बीपीएल मानदंड से अधिक है, तो वह स्वेच्छा से अपना नाम हटवा ले।
उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि जांच में किसी की अपात्रता पाई गई, तो उससे अब तक मिली सारी सरकारी सहायता की वसूली की जाएगी और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने स्वेच्छा से अपना नाम बीपीएल सूची से हटवा लिया।
किन कारणों से हटाए गए लोगों के नाम?
सरकार द्वारा की गई जांच और क्रॉस-वेरिफिकेशन में निम्नलिखित कारणों से कई नाम हटाए गए:
- परिवार की आय निर्धारित सीमा से अधिक पाई गई।
- बिजली खपत तय मानदंड से ज्यादा मिली।
- दोपहिया वाहन या अन्य संपत्ति के आधार पर अपात्रता तय हुई।
- बैंक लेन-देन और अन्य डिजिटल रिकॉर्ड के जरिए भी उच्च जीवन स्तर की पुष्टि हुई।
इन सभी बिंदुओं पर केंद्रित जांच के बाद अधिकारियों ने अपात्र परिवारों के नाम BPL सूची से हटा दिए।
कभी 75 लाख के करीब थी बीपीएल आबादी
हरियाणा में एक समय था जब बीपीएल परिवारों की संख्या लगभग 75 लाख के करीब पहुंच गई थी, जो राज्य की आबादी का अत्यधिक अनुपात था। इसे देखते हुए सरकार ने BPL श्रेणी के पुनर्मूल्यांकन का निर्णय लिया, ताकि वास्तव में जरूरतमंद लोगों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
परिवार पहचान पत्र बना पारदर्शिता का आधार
हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई परिवार पहचान पत्र (PPP) प्रणाली को इस अभियान में महत्वपूर्ण उपकरण माना जा रहा है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से हर परिवार की आय, संपत्ति और सामाजिक स्थिति का आकलन किया जा रहा है। स्वप्रमाणित जानकारी के आधार पर दिए गए डाटा को जांच टीमों द्वारा सत्यापित किया गया, जिससे भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सकी।
अब आगे क्या? सरकार की ओर से संकेत
राज्य सरकार का इरादा है कि BPL लाभ केवल उन्हीं लोगों तक पहुंचे जो सच में इसके हकदार हैं। इसके लिए आने वाले महीनों में और भी सख्त जांच अभियान चलाए जा सकते हैं। सरकार की मंशा है कि BPL लाभार्थियों की संख्या यथार्थ आधारित हो, जिससे राजकोषीय भार घटे और वास्तविक जरूरतमंदों को प्राथमिकता मिले।