हरियाली तीज त्यौहार संस्था 7 अगस्त को मनाई जाएगी। बता दे की इसे श्रावणी तीज भी कहते है। इस दिन सुहागिन महिलाये अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है इसलिए भगवान शंकर माता पार्वती की पूजा की जाती है। बता दे की केवल सुहागिन स्त्रियां ही नहीं कुँवारी कन्याये भी इस अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती है । हरियाली तीज के दिन महिलाये अपनी सखियों के साथ मिलकर झूला डालती है और सावन के लोकगीत गाकर इस त्यौहार की खुशियां मनाती है।
बता दे की पंचांग के अनुसार ,सावन में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को 07:52 मिनट पर होगी और अगले दिन यानि 7 अगस्त को को रात 10: 05 मिनट पर होगा
पूजन सामग्री
बिल्व पत्र ,धतूरा,केले के पत्ते ,अंकव पेड़ के पत्ते ,तुलसी ,शमी के पत्ते ,काले रंग की गीली मिट्टी ,जनेऊ धागा और नए वस्त्र। माता पार्वती के श्रृंगार के लिए चूड़ियां ,महोर खोल ,सिंदूर ,बिछुआ ,मेहँदी सुहाग पूरा ,कुमकुम और कंघी इसके अलावा पूजा में नारियल ,कलश अबीर , चंदन ,तेल और घी ,कपूर और दही ,चीनी ,शहद और पंचामृत।
हरियाली तीज पूजन विधि
हरियाली तीज में अगर आप व्रत नहीं रख पाते तो केवल सात्विक आहार का सेवन करें। इसके साथ ही इस दिन महिलाओं को श्रृंगार जरूर करना चाहिए। सती मां पार्वती को श्रृंगार की सामग्री जरूर करनी चाहिए। थ ही मां पार्वती को श्रृंगार की सामग्री जरूर अर्पित करनी चाहिए इसके साथ इस दिन सुहागन स्त्रियों को सामग्री जरूर अर्पित करनी चाहिए। है हरियाली तीज का प्रदोष काल में ही पूजा करना सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को खास भोग लगाए जाते हैं । इस दिन भगवान शिव जी के घेवर ,मालपुआ ,खीर ,पंचमेवा और सूजी के हलवे का भोग लगाना शुभ माना जाता है।