Hariyali Teej: हरियाली तीज के दिन महिलाएं क्यों करती है सोलह सिंगार? जानिए क्या है इसका महत्व 

Saroj kanwar
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Hariyali Teej: सनातन धर्म में हरियाली तीज के त्यौहार का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं सोलह सिंगार करती है और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है।  यह त्यौहार मुख्य रूप से राजस्थान हरियाणा दिल्ली और पूर्वी यूपी में मनाया जाता है।यह मुख्य रूप से पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है।

 इस दिन महिलाएं सोलह सिंगार करती है और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है। इस दिन सोलह सिंगार का विशेष महत्व है। तो आईए जानते हैं इस दिन महिलाएं क्यों करती है सोलह सिंगार…

सोलह श्रृंगार

इसमें मेहंदी, काजल, बिंदी, मांग टीका, नथ, नाक की बाली, कानों की बाली, हार, बाजूबंद, कंघी, चूड़ी, कंकण, पायल, अंगूठी, बिछिया और मेहंदी शामिल हैं।

हरियाली तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। 16 श्रृंगार करना इस पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।


हरियाली तीज के दिन सोलह सिंगार का महत्व इस प्रकार है

1. सौभाग्य की कामना-सोलह सिंगार करने से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।

2. पार्वती की पूजा- सोलह सिंगार पार्वती की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो भगवान शिव की पत्नी हैं और अपने सौंदर्य और पतिव्रता के लिए प्रसिद्ध हैं।

3. सांस्कृतिक परंपरा: सोलह सिंगार करना एक सांस्कृतिक परंपरा है जो पीढ़ियों से चली आ रही है और महिलाओं को अपनी सुंदरता और सौभाग्य को बढ़ाने में मदद करती है।

4. आध्यात्मिक महत्व- सोलह सिंगार करने से महिलाओं को आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि मिलती है, और वे अपने जीवन को अधिक अर्थपूर्ण और सुखी बना सकती हैं।

हरियाली तीज के दिन सोलह सिंगार करना महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो उनके जीवन में सौभाग्य, सुख, और शांति लाने में मदद करता है।

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