आज हम आपके लिए एक नया आर्टिकल लेकर आये है । गुजरात सरकार की ओर से बालिका शिक्षा एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक कल्याणकारी योजना की शुरुआत की है जिसका नाम गुजरात वाहली दीकरी योजना है। इस योजना के माध्यम से बालिकाओं को आर्थिक रूप से सहायता दी जाती है जिसके माध्यम से वह अपनी शिक्षा और जीवन को अत्यंत पहलुओं के साथ बेहतर बना सकती है। गुजरात सरकार द्वारा संचालित की जा रही ‘गुजरात वाहली दीकरी योजना ‘ से संबंधित पात्र और लाभ की जानकारी हम आपको बताते हैं ।
एक नई योजना का संचालन प्रारूप बाहर आया है
गुजरात सरकार की ओर से बालिकाओं की शिक्षा को बेहतर और सशक्तिकरण बनाने के लिए कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालित किया गया है जिसमें हर हाल में एक नई योजना का संचालन प्रारूप बाहर आया है। इस योजना के अंतर्गत योग्य बालिकाओं को 110000 की आर्थिक सहायता राशि दी जाती है एवं यह राशि तीन किस्तों में विभाजित की गई है जो की कक्षा में नामांकन करते समय 4000 की राशि दी जाएगी कक्षा 9वी में प्रवेश करते समय 6000 की राशि और एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि विवाह के समय मिलने वाली है।
देश के प्रत्येक राज्यों में ऐसी कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है
देश के प्रत्येक राज्यों में ऐसी कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इसमें बालिका शिक्षा को मजबूत किया जा सके और सशक्तिकरण के मार्ग में कई प्रकार की योजनाओं का लाभ सुनिश्चित है जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर है उनकी बालिकाओं की शिक्षा के लिए सरकार सहायता करती है जिसके माध्यम से बेटियों की पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा ना आए। गुजरात सरकार की इस योजना के अंतर्गत बालिकाओ को शिक्षा के क्षेत्र में उन्नत बनाया जाता है और शिक्षा से लेकर विवाह तक की आर्थिक सहायता राशि दी जाती है।
योजना के लाभ
इस योजना के अंतर्गत बालिकाओं को वित्तीय सहायता राशि दी जाती है जिसके माध्यम से बिना किसी रुकावट की अपनी पढ़ाई को पूरा कर सकती है।
बालिका को जन्म के समय उनकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 170000 की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी।
योजना का प्रमुख उद्देश्य शिक्षा को प्रोत्साहन करना है एवं स्कूल छोड़ने की दर को बहुत कम कर देना है।
बालिका के पहली कक्षा में नामांकन करने पर₹4000 की राशि दी जाती है कक्षा नवी में प्रवेश लेने पर₹6000 की हार्दिक सहायता राशि और विवाह के समय तीसरी किस्त बालिका को ₹100000 की प्राप्त होती है यह उनके उच्च शिक्षा एवं विवाह के लिए सुनिश्चित कराई जाती है।
विवाह के समय तीसरी किस्त केवल तब दी जाती है जब बालिका की आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
योजना के अंतर्गत सरकार लड़कियों के स्वास्थ्य एवं पोषण को भी देखरेख करती है साथ में उनकी संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करती हैं।