अगर आप किसी कंपनी में लंबे समय तक काम करते हैं तो आपकी ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकता है। यह एक तरह की वित्तीय सुविधा है जो कर्मचारी की सेवा अवधि पूरी होने पर उसे दी जाती है। लेकिन यह हर किसी को नहीं मिलती है क्योंकि सरकार ने इसके लिए कुछ नियम तय किए हैं। अगर आप इन शर्तो को पूरा करते हैं तभी आप ग्रेच्युटी पाने के हकदार बनते हैं। तो आइए जानते विस्तार से समझते हैं ग्रेच्युटी क्या है कौन इसे प्राप्त कर सकते हैं यह कैसे कैलकुलेट की जाती है। इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां ।
ग्रेच्युटी क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
ग्रेच्युटी एक प्रकार का वित्तीय लाभ हैजिसे कंपनी अपने कर्मचारियों को उनकी दीर्घकालिक सेवा के बदले प्रदान करती है। यह राशि कर्मचारियों को तब मिलती है जब नौकरी छोड़ते हैं। सेवानिवृत्ति होते हैं यानि किसी अन्य कारण से कंपनी से अलग होते हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की भविष्य को सुरक्षित करना और उनकी वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करना है।
कीन्हे मिलती है ग्रेच्युटी
हर कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार नहीं होता है इसके लिए कुछ शर्ते पूरी करनी होती है।
जैसे की न्यूनतम सेवाअवधि रखी गई है इसके लिए कर्मचारियों को कम से कम 5 साल तक कंपनी में काम करना आवश्यक है तभी वह ग्रेच्युटी क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा वह कंपनी जिसमें 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत है वहां ग्रेच्युटी नियम लागू होते हैं।
वैसे तो कम से कम 5 साल तक कंपनी में काम करना आवश्यक है। लेकिन कर्मचारी की मृत्यु अकर्मचारी की मृत्यु या स्थायी विकलांगता जैसी स्थिति पर ग्रेच्युटी लागू की जाती है।
ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है
ग्रेच्युटी की गणना एक निश्चित फार्मूले के आधार पर की जाती है जो इस प्रकार फार्मूला लगाकर की जाती है।
ग्रेच्युटी=(अंतिम वेतन×कार्य के कुल वर्ष×15)÷26\text{ग्रेच्युटी} = \left( \text{अंतिम वेतन} × \text{कार्य के कुल वर्ष} × 15 \right) ÷ 26
उदाहरण अगर किसी कर्मचारी का अंतिम मासिक वेतन ₹50000 है तूने 10 साल तक सेवा दी है तो उनकीग्रेच्युटी कुछ इस प्रकार होगी।
(50,000×10×15)÷26=₹2,88,461(50,000 × 10 × 15) ÷ 26 = 2,88,461 रूपये
ग्रेच्युटी से जुडी अन्य महत्वपूर्ण बाते
इसमें कर चुटका लाभ मिलता है अगर ग्रेच्युटी 20 लाख रूपये तक है तो कर मुक्त होती है। इससे अधिक राशि पर टैक्स नियम लागू सकते हैं। कुछ निजी कंपनियां भी कर्मचारियों ग्रेच्युटी देता है निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों को सरकारी नियमों से अधिक ग्रेच्युटी भी प्रदान कर सकती हैं।