GPF ब्याज दर: GPF निवेशकों के लिए बड़ी खबर। केंद्र सरकार ने सामान्य भविष्य निधि (GPF) और अन्य संबंधित निधियों पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही (1 अक्टूबर से 31 दिसंबर, 2025) के लिए GPF पर ब्याज दर 7.1% ही रहेगी। इसका मतलब है कि सरकारी कर्मचारियों को इस तिमाही के लिए पहले की तरह ही ब्याज दर मिलेगी।
GPF क्या है और इसके लिए कौन पात्र है?
GPF केंद्र और राज्य सरकारों के स्थायी कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य बचत योजना है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। कर्मचारी अपने मासिक वेतन का एक निश्चित हिस्सा (आमतौर पर कम से कम 6%) अपने GPF खाते में जमा करते हैं। सरकार इन जमाओं पर तिमाही दर से एक निश्चित ब्याज दर प्रदान करती है। यह योजना पूरी तरह से सुरक्षित है और सरकार द्वारा गारंटीकृत है।
ब्याज दरों की समीक्षा कैसे की जाती है?
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना के माध्यम से जीपीएफ की ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन महीने (तिमाही) में की जाती है। आमतौर पर, संतुलित ब्याज दर बनाए रखने के लिए जीपीएफ की ब्याज दरों को सरकार की लघु बचत योजनाओं के अनुरूप बनाया जाता है।
कौन से फंड इस 7.1% ब्याज दर के लिए पात्र होंगे?
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह ब्याज दर न केवल जीपीएफ पर, बल्कि अन्य संबंधित सरकारी भविष्य निधि योजनाओं पर भी लागू होगी, जैसे –
- अंशदायी भविष्य निधि (भारत)
अखिल भारतीय सेवा भविष्य निधि
– राज्य रेलवे भविष्य निधि
– रक्षा सेवा अधिकारी भविष्य निधि
– सामान्य भविष्य निधि (रक्षा सेवाएँ)
इन सभी योजनाओं पर 7.1% की वार्षिक ब्याज दर भी लागू होगी।