फरवरी महीने की तेज धुप के साथ तापमान में बढ़ोतरी हो रही है तो कहीं बारिश हो रहा है और फसलों से नुकसान हो रहा है। इस समय मौसम का मिजाज काफी बदला हुआ है जो किसी की समझ नहीं आ रहा है। हालांकि मौसम विभाग की ओर से समय-समय पर अलर्ट जारी किए जाते हैं। इसके बावजूद मौसम का रूख कैसा बना हुआ है जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। ऐसे में किसानों की फसले में खराब हो रही है पिछले दिनों यूपी में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फैसले पूरी तरह से बर्बाद हो गई इसे देखते हुए राज्य सरकार की ओर से किसानों को नुकसान की भरपाई की जाएगी इसके लिए सरकार ने फसल नुकसान का सर्वे कार्य शुरू कर दिया जाएगा ताकि मौसम से किसानों की फसलों को यह नुकसान की भरपाई की जा सके।
किसानों को मौसम में नुकसान हुआ उनको मुआवजा दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,यूपी बांदा जिले में मौसम -बेमौसम ओलावृष्टि से की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि ये किसानों की सरसों , चना मशहूर और गेहूं की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। बारिश के साथ आई तेज हवाओं के कारण तैयार फसल आड़ी हो गई और बारिश से खराब हो गई है। फसल नुकसान की जानकारी मिलती ही जिले की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने अधिकारियों को तुरंत प्रभाव के मौके पर जाकर निरीक्षण करने और फसल नुकसान का आकलन करके रिपोर्ट तैयार करने की आदेश दिए हैं। ऐसे में सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी और जिन किसानों को मौसम में नुकसान हुआ उनको मुआवजा दिया जाएगा।
पिछले दिनों 13 व 14 फरवरी की चित्रकूट जिले से सटे गांव जिसमे कालिंजर थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा ओलावृष्टि हुई। यहां पर दर्जनों गाँवो में सैकड़ो एकड़ जमीन में बोई गई फसलों को नुकसान हुआ है। वही बांदा जिले के नरेनी तहसील क्षेत्र में बारिश के साथ ओलावृष्टि गिरने से कई गाँव के किसानो की करोड़ एकड़ जमीन बोई की फसलों का नुकसान हो गया। इसी प्रकार प्रयागराज में भी कोराव तहसील में बीते दो दिनों में हुई बारिश ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
डेढ़ सौ हेक्टर से ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है
तहसील क्षेत्र के पत्थर ताल , देव घाट ,बड़ोखर ,खीरी ,लेडी यारी ,सुहास क्षेत्र के कई गांव में बारिश व ओलावृष्टि से किसान की फसलों को नुकसान पहुंचा। इसी प्रकार चित्रकूट जिले में ओलावृष्टि हुई जिससे नौ गांव की में फसलों की सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। अनुमान के मुताबिक ,यहां डेढ़ सौ हेक्टर से ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। इसी के अलावा भरतपुर ,मानिकपुर क्षेत्र में सरसों चरणों की फसल को नुकसान हुआ है।
बारिश का पानी खेत में भरने से मटर की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। कृषि उपनिदेशक राजकुमार के मुताबिक ,सर्वे का काम कृषि विभाग की टीम कर रही है गांव गांव जाकर सर्वे का काम किया जा रहा है। तहसील के अफसर , लेखपाल ,कृषि विभाग के कर्मचारी ,कृषि बिमा के कर्मचारी गांव गांव जाकर नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। जल्दी ही रिपोर्ट बनाकर सोप दी जाएगी और किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवाया है वह किसान नुकसान की जानकारी अपनी बीमा कंपनी जिससे उन्हें बीमाकरवाया उसे दे सकते हैं।
फसल को नुकसान के 72 घन्टे भीतर नुकसान की सूची बीमा कंपनी को देनी होती है
इसके अलावा अपने जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों को भी फसल नुकसान की जानकारी दी जा सकती है। पीएम फसल बीमा योजना के नियम के अनुसार ,,फसल को नुकसान के 72 घन्टे भीतर नुकसान की सूची बीमा कंपनी को देनी होती है। यूपी के कई जिलों में बीते दिनोंबारिश और ओलावृष्टि से फसलों में नुकसान की सर्वे के बाद रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंप जाएगी। सरकार के निर्देश के बाद कृषि विभाग और बीमा कंपनी की ओर से फसल बीमा मुआवजा राशि निर्धारित की जाएगी।
सरकार की ओर से किसानों को मुआवजे की राशि का वितरण किया जाएगा
इसके बाद सरकार की ओर से किसानों को मुआवजे की राशि का वितरण किया जाएगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश की जिन किसानों में बारिश से ओलावृष्टि से फसलें खराब है उनको जल्दी ही मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तो चीनी में पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना संचालन किया जा रहा है। इसमें खरीफ बुआई सीजन के लिए धान ,मक्का,ज्वार, बाजरा ,उड़द , मूंग ,तिल ,सोयाबीन, मूंगफली व अरहर सूचित किया गया है। वहीरबी की फसलों में गेहूं ,जो ,चना, मटर, मसूर, लाही – सरसों ,अलसी ,व आलू को अधिसूचित किया गया है। इसके अलावा औद्यानिकी या बागवानी फसलों में मिर्च के अलावा केला व पान को खरीफ मौसम में तथा हरी मटर ,टमाटर शि,मला मिर्च व आम को रबी फसलों में पुनर्गठन मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित किया गया है।